स्वतंत्रता सेनानी समाज सुधारक डॉ. राधाबाई : आजादी का अमृत महोत्सव
!! देश की आज़ादी के 75 वर्ष !! "आज़ादी का अमृत महोत्सव" में आज - छत्तीसगढ रायपुर नगर की पहली महिला स्वतन्त्रता सेनानी जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई के दौरान न जाने कितनी बार जेल यात्रा की तथा वेश्यावृत्ति में लगी बहनों को मुक्ति दिलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया था। उन्होंने रायपुर नगरपालिका में एक दाई का कार्य करना शुरू किया था। प्रेम और लगन के साथ काम करने के कारण वे सभी की माँ बन गयी थीं। उनके सेवाभाव को देख लोगों ने उन्हें डॉक्टर की जनउपाधि दी। प्रस्तुति - शान्ता श्रीवास्तव 56 - डॉ. राधाबाई महान स्वतन्त्रता सेनानी और समाजसुधारक हैं डॉ. राधाबाई का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर में सन 1875 में हुआ था। बचपन में ही उनका बाल विवाह हो गया था और सिर्फ 9 वर्ष की उम्र में ही वे विधवा हो गयी थीं। पड़ोस में उन्हें प्यारी सी सखी मिल गयी जिसके साथ वे रहने लगीं। वे हिन्दी सीखने लगी और दाई का काम भी करने लगी थीं। अचानक एक दिन पड़ोसन सखी चल बसीं। उनके बेटे बेटी राधा के भाई बहन जैसे थे। किसी को भी पता नहीं चलता था कि वे दूसरे परिवार की हैं। साल 1919 में