दलित महिला स्वतंत्रता सेनानी पद्मश्री कृष्णमल्ल जगन्नाथन : आजादी का अमृत महोत्सव
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!! देश की आज़ादी के 75 वर्ष !! "आज़ादी का अमृत महोत्सव" में आज हैं "पद्मश्री" और "पद्मविभूषण" से सम्मानित तमिलनाडू की एक दलित महिला क्रान्तिकारी वीरांगना और समाज सेविका जो भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने के साथ ही सामाजिक न्याय की प्रतीक बनीं। "लैंड फॉर टिलर्स फ्रीडम" (LAFTI) ऑरगनाइजेशन की स्थापना की तथा गाँधीवादी सिद्धान्तों की शक्ति का उपयोग करके दक्षिण भारत को बदल दिया। पूर्वी तंजौर जिले में "अम्मा" के नाम से भी जानी जाने वाली महान वीरांगना समाज सुधारक हैं "कृष्णमल्ल जगन्नाथन" प्रस्तुति - शान्ता श्रीवास्तव 60 - कृष्णमल्ल जगन्नाथन ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान असहयोग आन्दोलन, सविनय अवग्या आन्दोलन और भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लेने के साथ साथ सत्याग्रह का उपयोग करते हुए विनोबा भावे जी के "भूदान आन्दोलन" के माध्यम से लगभग चार मिलियन एकड़ भूमि भूमिहीन गरीब लोगों को वितरित की थी। उनका जन्म तमिलनाडू के डिंडीगुल जिला में 16जून 1926 को एक भूमिहीन दलित