बस्ती : बच्ची की मौत और हत्या के नामजद मुकदमें में एक माह बाद भी गिरफ्तारी नहीं

                            (घनश्याम मौर्य) 

बस्ती (उ.प्र.)। स्थानीय शहर से सटे दुधौरा गांव की तीन वर्षीया मासूम की रहस्यमय मौत के मामले में घटना के पचीस दिन बाद हत्या की नामजद एफआईआर दर्ज होने के एक माह बाद भी गिरफ्तारी न होने के क्षुब्ध परिजन अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। बच्ची बाबा ने डीआईजी को प्रार्थना पत्र देकर नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार किये जाने की मांग की है। जो प्राथमिक विद्यालय दुधौरा में शिक्षा मित्र है।

स्थानीय कोतवाली थाना क्षेत्र के दुधौरा गांव निवासी रविन्द्र कुमार की तीन वर्षीया बेटी रान्सी बीते 14 अक्टूबर को प्राथमिक विद्यालय दुधौरा में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्र से लापता हो गयी थी। उसकी लाश स्कूल से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित तालाब में उसकी लाश मिली। मृतका के बाबा लालसा प्रसाद ने कहा है कि उसके शरीर पर चोट और जले जैसे निशान भी पाए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के मुंह में श्वास नली तक कीचड़ पाया गया। उनका कहना है कि बच्ची के साथ अति क्रूरता करके जिन्दा ही कीचड़ में मुंह के बल दबाकर हत्या कर दी गई है।लालसा प्रसाद ने बताया कि घटना के सम्बन्ध में एफआईआर के लिए कोतवाली में 17 और 20 अक्टूबर को प्रार्थना पत्र दिया गया। लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। तीन नवम्बर को पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया और एसपी के निर्देश पर लालसा प्रसाद की तहरीर पर आठ नवम्बर को स्थानीय कोतवाली में मुअसं. 604 / 2022 पर आईपीसी की धारा 302 के अन्तर्गत शिक्षा मित्र सुरेन्द्र उपाध्याय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
लालसा प्रसाद ने चौबीस नवम्बर को डीआईजी को प्रार्थना पत्र देकर पूरे मामले से अवगत कराते हुए कोतवाली पुलिस पर विवेचना में सुस्ती बरतने और गिरफ्तारी न किये जाने की शिकायत की है। उन्होंने नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार किये जाने और मुकदमें में पाक्सो एक्ट बढ़ाने की मांग की है। दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि प्रार्थी की बेटी रानू पाल 14 अक्टूबर को आंगनबाड़ी के पढ़ाई वाले सेन्टर पर सुबह करीब साढ़े नौ बजे छोड़कर चली आई। बल्लीपट्टी में पढ़ने वाला नाती रोहन पढ़कर आया तो करीब एक बजे रान्सी को लिवाने आंगनबाड़ी केन्द्र पर गया। वहां रान्सी नहीं मिली। उस दिन लालसा प्राथमिक विद्यालय में चल रहे बाउंड्री वाल के कार्य में लेबर का कार्य कर रहा था। वह स्कूल के पीछे था। स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र दोनों एक ही में है। रोहन ने रान्सी के न मिलने की जानकारी दी। वह रोहन और गांव वालों के साथ रान्सी को खोजने लगा। करीब दो घंटे बाद तालाब में रान्सी की लाश मिली। आरोपी शिक्षा मित्र पर कई गम्भीर आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। 

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