सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन

 

                            (संतोष दूबे) 

 लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार को निधन हो गया। 89 साल के कल्याण सिंह पिछले डेढ़ महीने से लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल में भर्ती थे। एक महीने पहले सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, जिसके बाद बीते दिन उनकी हालत और बिगड़ गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते दिन दिल्ली से लौटकर उनका हालचाल जानने सीधे अस्पताल पहुंचे थे। इसके बाद आज शनिवार को फिर से सीएम योगी आदित्यनाथ अस्पताल पहुंचे। आज रात करीब साढ़े नौ बजे कल्याण सिंह ने एसजीपीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली।

राजस्थान के राज्यपाल रह चुके कल्याण सिंह बीजेपी के संस्थापक नेताओं में शामिल थे। जब से वे अस्पताल में भर्ती हुए थे तब से कई वरिष्ठ नेता उनसे मिलने अस्पताल आए थे। इनमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर कल्याण सिंह का हालचाल जाना था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कई बार कल्याण सिंह का हालचाल जानने के लिए अस्पताल आए थे।

    पीएम मोदी ने जताया शोक

कल्याण सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया, ''मैं काफी दुखी हूं। कल्याण सिंह जी राजनेता, अनुभवी प्रशासक, जमीनी स्तर के नेता और महान इंसान थे। उत्तर प्रदेश के विकास में उनका अमिट योगदान है। मैंने उनके पुत्र राजवीर सिंह से बात की और संवेदना व्यक्त की है। ओम शांति।''

 पीएम मोदी ने आगे कहा भारत के सांस्कृतिक उत्थान में उनके योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां हमेशा कल्याण सिंह जी की आभारी रहेंगी। वह दृढ़ता से भारतीय मूल्यों में निहित थे और हमारी सदियों पुरानी परंपराओं पर गर्व करते थे। 

        सीएम योगी ने जताया दुख 

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्व सीएम के निधन पर भावुक दिखे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के बड़े नेता थे। उनका जाना न सिर्फ समाज का बल्कि बीजेपी परिवार के लिए भी अपूरणीय क्षति है। परिवार के सदस्यों से बातचीत हुई है। यूपी में तीन दिनों के राजकीय शोक की भी घोषणा की गई है।

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''कल्याण सिंह जी के निधन से देश ने आज एक सच्चे राष्ट्रभक्त, ईमानदार व धर्मनिष्ठ राजनेता को खो दिया। बाबूजी एक ऐसे विराट वटवृक्ष थे, जिनकी छाया में भाजपा का संगठन पनपा व उसका विस्तार हुआ। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एक सच्चे उपासक के रूप में उन्होंने जीवनभर देश व जनता की सेवा की।''

बड़ा भाई खो दिया : राजनाथ सिंह

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निधन पर शोक जताते हुए कहा, ''श्री कल्याण सिंह जी के निधन से मैंने अपना बड़ा भाई और साथी खोया है। उनके निधन से आई रिक्तता की भरपाई लगभग असम्भव है। ईश्वर उनके शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस कठिन घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करें। ओम शान्ति!''

कल्याण सिंह ने राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। साल 1952 में कल्याण सिंह की शादी रामवती देवी से हुई। दोनों की एक बेटी प्रभा वर्मा और एक बेटा राजवीर सिंह है। राजवीर सिंह बीजेपी के सांसद हैं। वहीं, कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह यूपी की योगी सरकार में मंत्री हैं। 

राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे

कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी, 1932 को यूपी के अतरौली में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम सीता देवी और तेजपाल सिंह लोधी था। कल्याण सिंह ने बीए और एलएलबी की पढ़ाई की थी। कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वहीं, केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें राजस्थान और हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल भी बनाया गया।

 राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले कल्याण सिंह ने छह दिसंबर, 1992 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसी दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया था। अगले दिन केंद्र सरकार ने भी यूपी की कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद, सितंबर 1997 से लेकर नवंबर, 1999 तक कल्याण सिंह फिर यूपी के सीएम बनाए गए।

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