वातावरण की शुद्ध रखने में कारगर गाय के गोबर व गंगा जी की शुद्ध मिट्टी से बने दिये
पर्यावरण संरक्षण को तैयार वात्सल्य सेवा समिति ने तैयार किया गौशाला के गोबर तथा गंगा की मिट्टी से निर्मित दीये
(चिन्मय श्याम)
प्रयागराज (उ.प्र.) । आजकल जहां पर्यावरण प्रदूषण हमारे देश के लिए एक बड़ी समस्या है ऐसे समय में डॉ. कीर्तिका अग्रवाल के नेतृत्व में वात्सल्य सेवा समिति द्वारा निर्मित गौशाला से निकले गोबर तथा गंगा जी की शुद्ध मिट्टी और गंगाजल द्वारा बनाए गए दिये काफी प्रासंगिक हैं।
वात्सल्य सेवा समिति की संचालिका तथा समाजसेवी डॉक्टर कीर्तिका अग्रवाल का कहना है कि वोकल फॉर लोकल के तहत गाय के गोबर कथा गंगा जी की शुद्ध मिट्टी से बने दिए जहां एक और पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं वही दूसरी ओर वातावरण की शुद्धता को भी बनाए रखते हैं। पेशे से डॉक्टर डॉ. कीर्तिका अग्रवाल ने यह भी बताया कि इन दीयो से ना तो हाथ जलता है और ना ही ज्यादा तेल लगता है। दीपक को प्रयोग के बाद गमले में खाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे दीपक लकड़ी का लुक देते हुए घर में चार चांद लगा देते हैं।
खास बात ये है कि इंन दीपो के इस्तेमाल से गौशाला तथा गौ माता को सीधा लाभ प्राप्त होता है। ऐसे दीपक वातावरण से हानिकारक कीटाणुओं को भगाकर पॉजिटिविटी को फैलाते हैं। प्रयागराज में ऐसे दिए काफी प्रचलित हो रहे हैं तथा इनकी सप्लाई अन्य जिलों में भी की जा रही है।
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