Bst. राहत नहीं ले रही महिला - वीडियो जारी , शिकायत झूठी

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.) 


बस्ती (उ.प्र.) । कोरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर प्रशासन से लेकर आम अवाम तक बेहद संजीदा है । ऐसे में राहत सामग्री को लेकर अजीबोगरीब शिकायत सामने आयी है । महिला शिकायत भी करती है । वीडियो भी जारी होता है और उसे कुछ चाहिए भी नहीं । जी हां मामला बस्ती जिले के बभनान नगर पंचायत का है । उसके इस दोहरे व्यवहार के बावजूद प्रशासन तीसरी बार अन्तिम प्रयास करके भी थक गया , लेकिन उसने राशन नहीं लिया । करती है शिकायत और कहती है राशन नहीं चाहिए ।



   यहाँ वार्ड न. - ग्यारह चन्द्रशेखर नगर की महिला अफसर जहाँ पत्नी शमसेर का वीडियो मीडिया के सामने आया, जिसमें इस महिला द्वारा करीब बीस दिन पूर्व सूबे के हेल्पलाइन न. 1076 पर शिकायत किये जाने , माली हालत खस्ता होने और अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद राशन न मिलने की बात कही गयी है । इस वीडियो में वह बच्चे के साथ है । मामला प्रशासन के संज्ञान में आया , तो ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीना ने जांच की । उक्त महिला का शिकायती वीडियो देखने के लिए क्लिक करें : - https://youtu.be/EWSgAwWKkAY
श्री मीना ने बताया कि शिकायत गलत पाई गई - ईओ बभनान  एवं लेखपाल द्वारा इनको 2 बार राशन का किट देने की कोशिश की गई , लेकिन इन्होंने लेने से मना कर दिया। पहली बार दोपहर 2 बजे और दूसरी बार इनके घर भेजी गई लगभग शाम 7 बजे।


ज्वाइंट मजिस्ट्रेट श्री मीना ने बताया कि यह महिला आज करीब 2:00 बजे नगर पंचायत बभनान के ऑफिस गई । वहां पर भी इनको राशन किट दिए जाने की कोशिश की गई , लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उसके बाद आज शाम ही करीब 7:00 बजे नगर पंचायत के कर्मचारी एवं लेखपाल द्वारा उनके घर राशन किट देने की फिर से कोशिश की गई जिनको इन्होंने लेने से मना कर दिया। तीसरी एवं अंतिम बार करीब 7:45 पर इनको लेखपाल द्वारा फिर से राशन किट देने की कोशिश की गई जिसकी नीचे फोटो भी संलग्न है और उन्होंने फिर से एक बार राशन किट लेने से मना कर दिया। प्रशासन द्वारा इससे जायदा कोशिश एवं सहयोग किया जाना संभव नहीं है।  



  इतना ही नहीं उक्त वीडियो के अलावा आज राशन किट घर जाकर दिये जाने एवं उसके द्वारा मना किये जाने का भी वीडियो सामने आ गया है , ये वीडियो देखने के लिए ब्लू लिंक को क्लिक करें : - https://youtu.be/U6LmQDJ4J2Y
उस औरत की मंशा स्पष्ट नहीं है । ये दोनों स्थितियां आपस में परस्पर विरोधी हैं । इसलिए इसे अन्तिम प्रयास न मानते हुए पूरे मामले का वास्तविक परीक्षण करते हुए जरूरतमंद मिलने पर राहत एवं भ्रमित किये जाने या अनावश्यक दोषारोपण की स्थिति में वैधानिक कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है । इस वैश्विक महामारी के दौर में किसी भी सेवा में लगे हर व्यक्ति की जिम्मेदारी अत्यंत बढ़ गयी है । हर व्यक्ति पल पल की खबर रखने और हाथ बंटाने को तैयार है । ऐसे में एक मशीनरी को दिन भर अनायास दौड़ाना , और व्यस्त रखना भी गलत है । इसकी जांच कराये जाने बाद ही सही मामला सामने आएगा , क्योंकि देखने से ऐसा परिवार नहीं लग रहा है , जो इतना समर्थ हो कि राशन लेने से मना कर दे ।


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