तीन मई तक बढ़ा लाॅक डाउन : पीएम का अक्षरश: सम्बोधन पढ़ें

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


        (ऋषभ शुक्ल )
नई दिल्ली । देश-दुनिया पर छाए कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीसरी बार देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने आज खत्म होने जा रहे लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों के साथ सप्तपदी विजय सूत्र साझा करते हुए उनसे 7 बातों में साथ भी मांगा है। पिछली बार उन्होंने 24 मार्च को अपने संबोधन में 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। उससे पहले 19 मार्च को प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए 22 मार्च को एक दिन के 'जनता कर्फ्यू' का ऐलान किया था।
  नमस्ते, 
        मेरे प्यारे देशवासियों
कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई बहुत ही मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।   


आपके त्याग की वजह से ही भारत अब तक कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा। आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है। हमारे इस भारत वर्ष को बचाया है। मैं जानता हूं कि आपको कितनी दिक्कतें आई हैं। किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने-जाने की परेशानी। कोई घर-परिवार से दूर है लेकिन आप देश की खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। मैं आप सबको आदरपूर्वक नमन करता हूं।
      बाबा साहेब को नमन
हमारे संविधान में जिस वी द पीपल ऑफ इंडिया की शक्ति की बात कही गई है, यही तो है वो। बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर जी की जन्म जयंती पर हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन, यह संकल्प बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि है। 


बाबा साहब का जीवन हमें हर चुनौती को अपनी संकल्प शक्ति और परिश्रम के बलबूते पर पार करने की निरंतर प्रेरणा देता है। मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहब को नमन करता हूं।
उत्सव को सादगी से मनाना प्रेरक और काबिले तारीफ 
साथियो, ये देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहारों का भी समय है। वैसे भी भारत तो उत्सवों से भरा रहता है, हरा रहता है, खिलखिलाता रहता है। बैसाखी, पोहेला बैसाख, वीशू के साथ अनेक राज्यों में नए वर्ष की शुरुआत हुई है। लॉकडाउन के इन बंधनों के बीच देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रहकर सादगीपूर्ण तरीके से त्योहार मना रहे हैं, यह बहुत ही प्रेरक और प्रशंसनीय है। मैं नए वर्ष पर आपके, आपके परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगल कामना करता हूं। 
आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, उससे हम सभी भली-भांति परिचित हैं। अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी।
जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के मरीज 100 तक पहुंचे, उससे पहले ही भारत ने विदेश से आए हर यात्री के लिए 14 दिनों का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया था। अनेक जगहों पर मॉल हों, थिअटर हों, क्लब हों, जिम हों बंद किए जा चुके थे। जब हमारे यहां 550 केस थे तभी भारत ने 21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बहुत बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया।
बाकी देशों की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर
साथियों -  वैसे ये एक ऐसा संकट है जिसमें किसी भी देश के साथ तुलना करना उचित नहीं है। लेकिन फिर भी कुछ सच्चाइयों को हम नकार नहीं सकते। यह भी एक सच्चाई है कि अगर दुनिया के बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देशों में कोरोना के आंकड़े देखें तो उनकी तुलना में भारत की स्थिति बहुत संभली हुई है। महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में एक प्रकार से भारत के बराबर खड़े थे। आज उन देशों में भारती की तुलना में कोरोना के केसेज 25 से 30 गुना बढ़ चुके हैं। उन देशों में हजारों लोगों की दुखद मौत हो चुकी है।
अगर समय से बड़े फैसले नहीं होते तो बहुत बुरी स्थिति होती
भारत ने होलिस्टिक और इंटिग्रेटेड अप्रोच नहीं अपनाए होते, समय पर तेज फैसले नहीं लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती, इसकी कल्पना करते ही रोयें खड़े हो जाते हैं। लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में वही हमारे लिए सही है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है। सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो ये महंगा जरूर लगता है, बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है , लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस मार्ग पर चला है , उस मार्ग की चर्चा आज दुनियाभर में होना बहुत स्वाभाविक है। 
देश की राज्य सरकारों ने भी स्थानीय स्वराज इकाइयों ने भी इसमें बहुत जिम्मेदारी से काम किया है। चौबीसों घंटे हर किसी ने अपना जिम्मा संभालने का प्रयास किया है। लेकिन साथियो इन सब प्रयासों के बीच कोरोना जिस तरह फैल रहा है, उसने विश्व भर में हेल्थ एक्सपर्ट को और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है। भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब आगे कैसे बढ़े, हम विजयी कैसे हों, हमारे यहां नुकसान कम से कम कैसे हो, लोगों की दिक्कतें कम से कम कैसे हो, इन बातों को लेकर राज्यों के साथ निरंतर चर्चाएं की हैं। और इन सभी चर्चाओं में एक बात उभरकर आती है, नागरिकों की तरफ से भी यही सुझाव आता है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए।
      3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा
कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। यानी 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है जैसे हम करते आ रहे हैं।
       हॉटस्पॉट्स में और सतर्कता
मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। कहीं पर भी कोरोना से एक भी मरीज की दुखद मृत्यु होती है तो हमारी चिंता और बढ़नी चाहिए। और इसलिए हमें हॉटस्पॉट्स को इंगित करके, पहले से भी ज्यादा, बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी ही होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है, उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी, कठोर कदम उठाने होंगे।
नए हॉटस्पॉट्स का बनना हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा। नए संकट पैदा करेगा, इसलिए अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी।
   20 अप्रैल से कुछ कार्यों के लिए मिलेगी छूट
20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को बड़ी पारीकी से परखा जाएगा। वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है इसका मूल्यांकन लगातार किया जाएगा। जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो अपने यहां हॉटस्पॉट्स नहीं बढ़ने देंगे और जिनके हॉटस्पॉट्स में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति, छूट-छाट दी जा सकती है। लेकिन याद रखिए, ये अनुमति सशर्त होगी। बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे। और कोरोना का पैर हमारे इलाके में पड़ता है तो सारी अनुमति फिर वापस ले ली जाएगी। इसीलिए न तो खुद कोई लापरवाही करनी है और न ही किसी और को लापरवाही करने देना है।
मेरे देशवासियों -   कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। साथियो, 20 अप्रैल से चिह्नित क्षेत्रों में इस सीमित छूट का प्रावधान हमारे गरीब भाई-बहनों की आजीविका को ध्यान में रखकर किया है। जो रोज कमाते हैं, जो रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वहीं मेरा एक वृहद परिवार है। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक इनके जीवन में आए मुश्किल को कम करना है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से सरकार ने उनकी मदद करने का हर संभव प्रयास किया है। अब नई गाइडलाइंस बनाते वक्त भी उनके हितों को संपूर्ण ध्यान रखा गया है।
    दवा से राशन तक का पर्याप्त भंडार
इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो। साथियो, देश में दवा से लेकर राशन तक पर्याप्त भंडार है। सप्लाई चेन की बाधाएं लगातार दूर की जा रही हैं। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।   
हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं
पहले हमारे यहां टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक लैब थी लेकिन अब 200 से ज्यादा लैब टेस्टिंग का काम कर रही हैं। विश्व का अनुभव ये कहता है कि कोरोना के 10 हजार मरीज होने पर 1500 से 1600 बेड की जरूरत होती है। भारत में हम अब 1 लाख से ज्यादा बेड की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है।
साथियों -  आज भारत के पास भले ही सीमित संसाधन हैं लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण, मानव कल्याण के लिए मेरे नौजवान साथियो आप आगे आएं। देश के नौजवान, वैज्ञानिक बीड़ा उठाएं।
पीएम ने देशवासियों से मांगे 7 वचन
हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त करके ही रहेंगे। इसी विश्वास के साथ मेरी बात समाप्त करने से पहले मैं आपका साथ मांग रहा हूं।     7 बातों में आपका साथ
    छूट मिलेगी, लेकिन ये हैं शर्तें
पहली बात - अपने घऱ के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। खासकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें एक्स्ट्रा केयर करनी है। उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखनी है।
दूसरी बात - लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें। घर में बने फेस कवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
तीसरी बात - अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन करें। गर्म पानी है, काढ़ा है, इनका निरंतर सेवन करें ।
चौथी बात - कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।
पांचवीं बात - जितना हो सके, उतना गरीब परिवार की देखरेख करें। उनके भोजन की जरूरत पूरी करें।
छठीं बात - आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करने वाले लोगों के प्रति संवेदना रखें। किसी को नौकरी से न निकालें।
सातवीं बात - देश के कोरोना युद्धाओं हमारे डॉक्टर, नर्सेज, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी...ऐसे सभी लोगों को हम सम्मान करें। आदरपूर्वक उनका गौरव करें।
साथियो, इन 7 बातों में आपका साथ ये सप्तपदी विजयप्राप्त करने का मार्ग है। विजयी होने का हमारे लिए निष्ठापूर्वक करने वाला यह काम है।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें। जहां हैं वहां रहें, सुरक्षित रहें। वयं राष्ट्रे जाग्रयाम यानी हम सभी राष्ट्र को जीवंत और जागरूक बनाए रखेंगे। इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। आपको और आपके परिवार के उत्तम स्वास्थ्य की मंगल कामनाएं करता हूं । 


     बहुत -बहुत धन्यवाद !
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