योग का पथ है प्यारा, तन को मन को साधे सारा : योग दिवस पर प्रतिमा पाठक की कविता
योग दिवस पर कवियित्री प्रतिमा पाठक की कविता
योग का जो ये
पथ है प्यारा।
तन मन को ये
साधे सारा।।
करते रहो तुम
नित प्रति योग।
जीवन मे सदा
रहो निरोग।।
योग आसन से
बल पाओगे।
सभी बीमारियों का
हल पाओगे।।
योग है जीवन
की दरकार।
रहो स्वस्थ करो
सपने साकार।।
सूर्य नमस्कार की
महिमा निराली।
इससे जीवन में
मिले खुशहाली।।
ध्यान मुद्रा को
जो साधते।
मन को संयमित
बनाते।।
योग को बनाओ
दिनचर्या का हिस्सा।
खत्म करो सभी
बीमारियों का किस्सा।।
योग दिवस पर
लो ये संकल्प।
योग से अच्छा
नही कोई विकल्प।।
योग करे सब
मिलकर आज।
बनाये विकसित
अपना समाज।।
प्रतिमा पाठक महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी लेखनी जागरूक करने का काम करती हैं
कवियत्री /लेखिकाप्रतिमा पाठक / दिल्ली