बस्ती में भारत विकास परिषद, सनातन धर्म संस्था और सैनिक कल्याण बोर्ड ने मनाया कारगिल शौर्य दिवस : दी श्रद्धांजलि

बस्ती में भारत विकास परिषद, सनातन धर्म संस्था और सैनिक कल्याण बोर्ड ने मनाया कारगिल शौर्य दिवस : दी श्रद्धांजलि

                (विशाल मोदी)

बस्ती (उ. प्र.)। कारगिल विजय दिवस भारत की एक बहुत बड़ी जीत थी। हमारी सेना ने इस युद्ध में विजय हासिल की थी। इस युद्ध में हमारे जांबाज जवानों ने अपने जान की बाजी लगाकर भारत मां की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी है। शहीद जवानों की स्मृति में बस्ती में कारगिल शौर्य स्तम्भ संसारपुर फुटहिया पर शौर्य दिवस पर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने पुष्प चक्र अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उक्त बातें कहीं। भारत विकास परिषद, सनातन धर्म संस्था और जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास परिषद द्वारा प्रति वर्ष यहां शौर्य दिवस मनाया जाता है।

(डीएम प्रियंका निरंजन और कर्नल केसी मिश्र ऊपर, डीएम के साथ डॉ. डीके गुप्ता, कैलाश नाथ दूबे, कर्नल केसी मिश्र, सैनिक कल्याण बोर्ड व एनसीसी के अधिकारीगण नीचे)

भारत विकास परिषद के प्रदेश सेवा प्रमुख डॉ. डीके गुप्ता और वशिष्ठ शाखा अध्यक्ष कैलाश नाथ दूबे ने कहा कि साल 1999 में करगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी फौज को युद्ध के मैदान धूल चटा दी थी। करगिल की यह लड़ाई पूरे 60 दिनों तक चली थी और 26 जुलाई 1999 को यह युद्ध खत्म हुआ था। जिसके बाद से इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

(एनसीसी अधिकारियों और कैडेट्स के साथ सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार भृगुनाथ त्रिपाठी 'पंकज', कैलाश नाथ दूबे, वशिष्ठ पाण्डेय पत्रकार व डॉ. रोहन दूबे)

सेवानिवृत्त कर्नल केसी मिश्र ने कहा कि इस युद्ध की समाप्ति भारत की जीत के साथ 26 जुलाई को हुई। इस युद्ध में भारतीय सेना ने जीत हासिल की। तब से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है और युद्ध में शहीद होने वाले भारतीय सेना के जवानो को और देश के प्रति दी गई उनकी कुर्बानी को याद किया जाता है।

(श्रद्धा सुमन अर्पित करके आते कर्नल केसी मिश्र, कार्यक्रम को सम्बोधित करतीं डीएम प्रियंका निरंजन व संचालन करते भृगुनाथ त्रिपाठी 'पंकज')

सनातन धर्म संस्था के डॉ. रोहन दूबे ने कहा कि आज का दिन भारतीय सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करने और सम्मान देने का दिन है। 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ था। 60 दिनों तक चला कारगिल युद्ध 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ था।

(बस्ती में कारगिल शौर्य स्तम्भ पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। इस मौके पर सैनिक कल्याण बोर्ड, एनसीसी के साथ ही कैलाश नाथ दूबे, डॉ. रोहन दूबे, वशिष्ठ पाण्डेय, डॉ. डीके गुप्ता, डीएम प्रियंका निरंजन, डॉ. हेमंत पाण्डेय, विवेक कुमार मिश्र)

कार्यक्रम का संचालन करते हुए सनातन धर्म संस्था के सक्रिय कार्यकर्ता और भारत विकास परिषद के वशिष्ठ शाखा सचिव भृगुनाथ त्रिपाठी 'पंकज' ने कहा कि हमारे वीर जवानों ने जिस जज्बे के लड़ाई लड़ी और विजय हासिल की, यह अनुकरणीय है। हमारे समाज में ऐसे कार्यक्रमों और सेना के शौर्य गाथा की चर्चा सदैव होनी चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ी और नौनिहालों के मन मस्तिष्क में हम अपने राष्ट्र और इसकी अस्मिता की रक्षा के प्रति साहस, त्याग और बलिदान की भावना को दीवानगी की तरह कूट कूट कर भर सकें।

कार्यक्रम में भारत विकास परिषद के प्रादेशिक सेवा प्रमुख डॉ. डीके गुप्ता, वशिष्ठ शाखा अध्यक्ष कैलाश नाथ दूबे, सचिव भृगुनाथ त्रिपाठी पंकज, वित्त सचिव अनुराग शुक्ल, डॉ. रोहन दूबे, डॉ. हेमंत पाण्डेय, सेवानिवृत्त कर्नल केसी मिश्र, एनसीसी 47वीं बटालियन के सीओ प्रशांत कुमार, सूबेदार मेजर बीजी तबांग, लेफ्टिनेंट जीतेन्द्र कुमार शाही, प्रभारी अधिकारी कर्नल आरएस पाण्डेय, सूबेदार आरडी वर्मा, सीपीओ जय गोविन्द पाण्डेय, हवलदार अनिल यादव, कैप्टन आरके पाल, आरएस चतुर्वेदी, एचएमटी तुली, सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार डॉ. हेमंत पाण्डेय व विवेक कुमार मिश्र सहित अधिकांश लोगों ने कारगिल शौर्य स्तम्भ पर एकत्र होकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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