मनाई गई ग्रापए संस्थापक बालेश्वर लाल की पुण्यतिथि, संरक्षक मण्डल में शामिल हुए कैलाश नाथ दूबे : इण्डियन पब्लिक स्कूल में हुई श्रद्धांजलि सभा व विचार गोष्ठी

                       (विशाल मोदी) 

जीवन बीमा के साथ संगठन के सभी सदस्यों को जारी हुआ फैमिली हेल्थ कार्ड, पत्रकार समाज का सजग प्रहरी : राम नरेश सिंह 'मंजुल'

बस्ती (उ.प्र.)। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक स्वर्गीय बाबू बालेश्वर लाल की 36वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को इंडियन पब्लिक स्कूल हरदिया चौराहा के सभागार में श्रद्धांजलि सभा एवं विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों और संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने संस्थापक के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष डॉ. संजय द्विवेदी ने स्वर्गीय बाबू बालेश्वर लाल के जीवन और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए संघर्ष और योगदान के साथ संगठन की स्थापना के बारे में विस्तार से चर्चा की। कहा कि बाबू बालेश्वर लाल ने इस सोच के साथ संगठन का निर्माण किया कि ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों की आवाज और उनकी पीड़ा को शासन प्रशासन तक पहुंचाया जा सके। क्योंकि मुख्यधारा से जुड़े पत्रकार की सुनवाई किसी न किसी माध्यम से हो जाती है। लेकिन सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले पत्रकार साथियों को अक्सर संघर्ष करना पड़ता है। और कई बार वह विषम परिस्थितियों से भी घिर जाते हैं। ऐसे में संगठन हमेशा उनके लिए संघर्ष करने के साथ उनकी न्याय की लड़ाई में कंधे से कंधा मिला कर खड़ा रहा है और आगे भी खड़ा रहेगा।
इंडियन पब्लिक स्कूल के निदेशक कैलाश नाथ दुबे ने कहा कि पत्रकार के पास हमेशा समाज के लिए बेहतर करने का अवसर होता है और वह विषम परिस्थितियों में भी समाज के सकारात्मक बदलाव और विकास में अपनी सराहनीय एवं महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। तमाम सारे ऐसे मौके आते हैं जब पत्रकारों को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय में संगठन का महत्व और बढ़ जाता है। संगठन के मंडल उपाध्यक्ष डॉ. एसके सिंह ने कहा कि एसोसिएशन हमेशा सामाजिक मूल्यों के लिए काम करने के साथ पत्रकारों के लिए संघर्ष करने में आगे रहता है और इसी का परिणाम है कि आज ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन पूरे प्रदेश में अपना विस्तार करते हुए ग्रामीण पत्रकारों के हक और अधिकारों के लिए लगातार कार्य कर रहा है। प्रेस क्लब बस्ती के महामंत्री महेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि आज पत्रकारिता में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, समाचार और विज्ञापन संकलन को लेकर पत्रकारों को तमाम सारी दुश्वारियां और आपसी मतभेद का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन जब कभी पत्रकार के हितों की कोई बात हो तो हम सब को एक साथ खड़े होकर संघर्ष और लड़ाई के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने पेशेगत चुनौतियों का सामना करते हुए पत्रकारों को एक साथ जुड़कर कार्य करने की बात कही।
संगठन के संरक्षक समाजसेवी अखिलेश दुबे ने कहा कि पत्रकारों के पास समाज सेवा करने का सबसे सशक्त माध्यम है। जीवन के तमाम सारी संपन्नताओं के बाद भी बहुत सारे लोगों को समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने का अवसर नहीं मिल पाता है। लेकिन पत्रकारिता के माध्यम से हम समाज के जरूरतमंदों को पीड़ितों को और तमाम ऐसे वंचित वर्ग को उसका हल दिलवा काटे है। शासन प्रशासन और जिम्मेदारों के माध्यम से सहायता और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि चुनौतियां सभी क्षेत्रों में है लेकिन जब हम अपने जीवन में धर्म के अनुसार बताए गए मार्ग पर चलकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं तो निश्चित तौर पर सफलता मिलती है। मंडल उपाध्यक्ष कमलेन्द्र पटेल ने पत्रकारों की चुनौतियों को लेकर अपना विचार प्रकट किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि साहित्यकार सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रामनरेश सिंह मंजुल ने कहा कि पत्रकारों को स्वयं जागरूक रहते हुए समाज को सजग रहने की प्रेरणा देनी चाहिए। पत्रकारिता हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। आजादी के संघर्षों से लेकर वर्तमान समय तक अलग-अलग तरह की दुश्वारियां का सामना पत्रकारों को हमेशा करना पड़ा रहा है। लेकिन पत्रकारिता के प्रति ईमानदारी से काम करने वालों का सम्मान हमेशा रहा है और आगे भी भविष्य में रहेगा। व्यवस्था से निराश व्यक्ति पत्रकारों के पास पहुंचता है उसे आज भी इस बात की उम्मीद और भरोसा है कि जब व्यवस्था के लोग उसकी सुनवाई नहीं करेंगे तो वह पत्रकार और पत्रकारिता के माध्यम से अपने अधिकार के लिए लड़ेगा और उसकी जीत भी होगी। उन्होंने कहा कि पत्रकार तमाम सारे अभाव में भी दूसरों के मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। पत्रकार का पूरा जीवन ही संघर्ष में बीतता है। संगठन के संस्थापक के जीवन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब अपने जीवन में समाज के लिए राष्ट्र के लिए कुछ विशेष और अलग करते हैं तब हमारे न रहने पर समाज और लोग याद करते हैं। बाबू बालेश्वर लाल ने ग्रामीण पत्रकारों पत्रकारों की दुश्वारियों को समझा और उन्होंने ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन जैसे संगठन का निर्माण किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि समेत समस्त मंचासीन अतिथियों को प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संगठन के जिलाध्यक्ष अवधेश कुमार त्रिपाठी ने कहा की बाबू बालेश्वर लाल ने ग्रामीण पत्रकारों के जीवन की दुश्वारियां को महसूस किया और वह स्वयं भी ग्रामीण पत्रकारिता से जुड़कर लंबे समय तक काम किए। यही कारण रहा कि ग्रामीण पत्रकारों के हकों की लड़ाई के लिए एक ऐसे संगठन की भूमिका बनाई जाए उसकी संरचना की जो विषम परिस्थितियों में ग्रामीण पत्रकारों के साथ खड़े होकर उसके अधिकारों की रक्षा और सुरक्षा करें। आज संगठन प्रदेश भर में तमाम सारे पत्रकार हितों के मुद्दे पर संघर्ष कर रहा है और तमाम ऐसे मौके आए हैं जब संगठन ने पत्रकार हितों के लिए लड़ाई लड़ी और उसने जीत भी हासिल की। जिलाध्यक्ष ने इंडियन पब्लिक स्कूल के निदेशक कैलाश नाथ दुबे को संरक्षण मंडल में शामिल किए जाने की घोषणा की। इस दौरान संगठन के संरक्षक अखिलेश दुबे की ओर से सभी सदस्यों को जीवन बीमा उपलब्ध कराया गया। साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी संस्था श्री कृष्णा हॉस्पिटल की ओर से संगठन के सभी सदस्यों को निशुल्क फैमिली हेल्थ कार्ड जारी किया गया। जिसके माध्यम से अस्पताल प्रबंधन की ओर से कार्ड धारकों को चिकित्सा के दौरान विशेष सुविधा प्रदान की जाएगी। जिलाध्यक्ष ने कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों और संगठन के सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का सफल संचालन ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के महामंत्री पंकज त्रिपाठी ने किया।

इस दौरान तहसील अध्यक्ष हरैया राजेश सिंह विशेन, तहसील अध्यक्ष भानपुर अवधेश कुमार श्रीवास्तव, तहसील अध्यक्ष रुधौली अरुण कुमार मिश्र, दिनेश चंद्र, बेचू लाल अग्रहरी, संजय उपाध्याय, शकील खान, बीके लाल, राम कृपाल दुबे, एम जाहिद, उमेश दुबे, अनिल कुमार पांडेय, रामजीत पांडेय, रूबल कमलापुरी, नरेंद्र कुमार मिश्र, विकास पांडेय, सुनील बरनवाल, एसएन द्विवेदी, अनूप लाल श्रीवास्तव, दिनेश कुमार पटेल, अनिल कुमार, मोहम्मद इदरीश सिद्दीकी, विनय पाठक, मोहम्मद इमरान सिद्दीकी, आनंद शुक्ल, संतोष पांडे सोनू, बृजेश कुमार, आदित्य सिंह, प्रमोद कुमार पाल, राधेश्याम यादव, प्रेम सागर पाठक, प्रमोद श्रीवास्तव, हरिशंकर पांडेय, परशुराम वर्मा, एस एन त्रिपाठी, अभिषेक सिंह, सतीश उपाध्याय, बृजकिशोर, महेंद्र उपाध्याय, राम ललित यादव, मनीष यादव, रमेश चंद्र त्रिपाठी, आदित्य रंजन धर द्विवेदी, ज्ञान प्रकाश दुबे, मोहित कसौधन, शंकर यादव, राजेंद्र चौधरी, लाल मोहम्मद, बजरंगी लाल, अजय कुमार पांडेय, बृजेश त्रिपाठी, नीरज चौधरी, जावेद अहमद, अजमत अली, बिंदेश्वरी लाल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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