निकाय चुनाव : बस्ती में नेहा वर्मा पत्नी अंकुर वर्मा ने दर्ज की रिकॉर्ड जीत, भाजपा दूसरे और निर्दल नेहा शुक्ला तीसरे स्थान पर

                 (बृजवासी शुक्ल) 

 बस्ती (उ.प्र.)। नगर पालिका परिषद बस्ती के चुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अंकुर वर्मा की पत्नी नेहा वर्मा ने रिकॉर्ड मतों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी अनूप खरे की पत्नी सीमा खरे दूसरे स्थान पर रहीं। जबकि निर्दल प्रत्याशी आशीष शुक्ला की पत्नी नेहा शुक्ला तीसरे स्थान पर रहीं। बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी संत प्रकाश त्रिपाठी की पुत्र वधू प्रीति त्रिपाठी चौथे स्थान पर रहीं। कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक स्व. अफसर अहमद की पत्नी शबीहा खातून पांचवें स्थान पर रहीं।

(जीत के बाद फूल मालाओं से लदे अंकुर वर्मा ऊपर और नगरपालिका परिषद बस्ती के अध्यक्ष पद के लिए विजयी अपनी पत्नी नेहा वर्मा के साथ अंकुर वर्मा नीचे) 

यह जीत रिकॉर्ड मतों के अंतर से होने के कारण तो ऐतिहासिक है ही बल्कि समाजवादी पार्टी को नगर पालिका परिषद बस्ती में पहली बार जीत मिलने के कारण भी ऐतिहासिक है। इस चुनाव में अंकुर वर्मा खासे लोकप्रिय प्रत्याशी रहे और शुरू से इनकी लहर देखी जा रही थी जो अंततः विजय की शक्ल में सचमुच बदल गई। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नेहा वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी सीमा खरे को 11472 मतों के ऐतिहासिक अंतर से पराजित किया है। 

                     (नेहा वर्मा और अंकुर वर्मा) 

   समाजवादी पार्टी की नेहा वर्मा को कुल 27128 मत मिले और इन्हें विजयी घोषित किया गया। भाजपा की सीमा खरे को 15656 मत मिले और यह दूसरे स्थान पर रहे निर्धन प्रत्याशी आशीष शुक्ला की पत्नी नेहा शुक्ला को 3398 मत मिले यह तीसरे स्थान पर रहीं। बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी प्रीति त्रिपाठी को 2734 मत मिले और यह चौथे स्थान पर रहीं। पांचवें स्थान पर रही कांग्रेस प्रत्याशी शबीहा खातून को 2129 मत मिले। आम आदमी पार्टी प्रत्याशी विनीता को मात्र 370 मत मिले। यह समाजवादी पार्टी के नेता सिद्धेश सिन्हा की पत्नी हैं। चुनाव में टिकट ना मिलने के कारण असंतुष्ट होकर सिद्धेश सिन्हा ने अपनी पत्नी को आम आदमी पार्टी से टिकट लेकर नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में उतारा था।

निर्दलीय प्रत्याशी शालू चौधरी राजपाल को 285 मत मिले। यह व्यापारी नेता आनंद राजपाल की पुत्रवधू हैं। इन्हें सामाजिक संगठन पूर्वांचल राज्य जन आंदोलन (पीआरजे) ने प्रत्याशी बनाया था। पीआरजे ने बस्ती विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के मुद्दे को काफी जोर-शोर से उठाया था और बस्ती महायोजना 2031 की खामियों को लेकर एक बड़े जन आंदोलन का आगाज किया था, जिसके कारण जनता में खासी लोकप्रियता की उम्मीद थी। इसके बावजूद भी पीआरजे की लोकप्रियता मतों की शक्ल में बिल्कुल भी नहीं बदल पाई और मात्र 285 वोटों से संतोष करना पड़ा।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से प्रत्याशी बबिता शुक्ला को मात्र 208 वोट मिले हैं। इन्होंने बड़ी उम्मीद से चुनाव लड़ा था। इन्हें ऐसा लग रहा था कि यह जीत के काफी करीब रहेंगी लेकिन नतीजा इसके ठीक विपरीत रहा और यह सैकड़े में ही नहीं सिमटी बल्कि मात्र 208 मतों से संतोष करना पड़ा। निर्दलीय प्रत्याशी रोशन जहां को 198 वोट मिले और सीमा गुप्ता को 185 वोट मिले। अमृता को 178 वोट, सबूही निकहत को 120, जाफरून्निशा को 90 और राजेश्वरी गुप्ता को मात्र 71 वोट मिले। 
 समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नेहा वर्मा की इस ऐतिहासिक का श्रेय उनके पति अंकुर वर्मा की लोकप्रियता, पूर्वांचल के वरिष्ठ नेता रामप्रसाद चौधरी, सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव और समाजवादी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जाता है। जिसकी बदौलत इतने रिकार्ड मतों से सपा प्रत्याशी को जीत हासिल हुई है।

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