करार तोड़कर लाखों की मशीनें हड़पने की ख्वाहिश टूटी तो बेकरार हो गई अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक, पुलिस पर फूट रहा गुस्सा
(सुधीर श्रीवास्तव)
बस्ती (उ.प्र.)। बेशकीमती मशीनों को हड़प कर रुपये कमाने और मशीनें वापस मांगने पर बेचने की फिराक में लगी शातिर औरत की बदनीयती की जानकारी मिलने पर पुलिस की मदद से अपनी ही चीजें वापस लेने से बौखलाई औरत ने मन गढ़न्त आरोप लगाने शुरु कर दिये हैं।
आलम ये है कि पहले खुद ही करार तोड़ा, बेवा और अपाहिज औरत के साथ बेईमानी की और जब उसने अपना सामान वापस ले लिया, तो बेईमानी की ख्वाहिशें टूटने पर बेकरारी इतनी बढ़ गई पुलिस को बलि का बकरा बना रही है। गलत बयानी का आलम यह है कि लाखों की जिन मशीनों को वह अपना बता रही है, उसकी कोई रसीद और कागजात उसके नाम है ही नहीं। मामला स्थानीय महिला अस्पताल के सामने स्थित सुपर अल्ट्रासाउंड सेन्टर का है। ब्यूटी नाम की महिला खुद को सुपर अल्ट्रासाउंड सेन्टर की संचालक बता रही हैं और पुलिस पर सामान उठा ले जाने का आरोप लगा रही हैं। आखिर पुलिस क्या करेगी अल्ट्रासाउंड मशीन। मशीन जिसकी थी वो ले गया। तफसील से मामले को देखा जाय तो मामला ये है कि शहर में सेवा हास्पिटल के नाम संचालित कर रहे अस्पताल के डॉ. मो. अहमद खान ने स्थानीय महिला अस्पताल के सामने सुपर अल्ट्रासाउंड सेन्टर खोला था और उसे चलाने का ठेका ब्यूटी नाम की महिला को दिया था। इनकी पत्नी अन्जुम आरा ने पुलिस को दरख्वास्त देकर अपना सामान (अल्ट्रासाउंड मशीन व कलर डॉप्लर आदि) वापस दिलाने की गुहार लगाई।अन्जुम आरा ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि मो. अहमद ने 2017 में पिकौरा दत्तूराय निवासिनी ब्यूटी श्रीवास्तव पत्नी महेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को सुपर अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालन की जिम्मेदारी दी। यह सेन्टर पुष्पा श्रीवास्तव के मकान में संचालित था। लाभांश का 25 प्रतिशत ब्यूटी को मिलना था और 75 प्रतिशत स्वामी डॉ. अहमद को मिलना था। सबकुछ ठीक चल रहा था। लेकिन 09 जून 2021 को डॉ. अहमद साहब का इंतकाल हो गया।अन्जुम द्वारा सेन्टर बन्द कर मशीनें वापस करने का प्रस्ताव रखे जाने पर पूर्व की भांति हिस्सा दिये जाने का आश्वासन देने के बाद ब्यूटी की नीयत बदल गई और उन्होंने हिस्सा देना बन्द कर दिया और सेन्टर बदस्तूर चलता रहा। इस तरह ब्यूटी ने लाभांश के करीब तीन लाख रुपये हड़प लिए और मशीनों को बेचने की फिराक में लग गई, जिनकी कीमत करीब 15 लाख रु. है।पुलिस ने उसकी मशीनें तो दिला दीं, लेकिन व्यापार के तीन लाख अभी भी फंसे पड़े हैं। जबकि ब्यूटी पुलिस के मशीनें उठा ले जाने का आरोप लगा रही है, अलबत्ता यह जरुर है कि सारी मशीनों की खरीद रसीद और बैंक से किये भुगतान की रसीद डॉ. मो. अहमद के नाम से ही हैं। आलम ये है कि अपनी बेईमानी को छिपाने के लिए ब्यूटी पुलिस को विलेन बनाने पर आमादा है और सही तथ्यों को छिपाने की नाकाम कोशिशें कर रही है।https://youtu.be/-Dm_zYMlAS0
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