(बृजवासी शुक्ल) इसी साल जनवरी में अमेरिका के आसमान पर एक चीनी 'जासूसी गुब्बारा' नजर आया था। अमेरिकी फाइटर जेट एफ-22 ने इसे 4 फरवरी को नष्ट कर दिया। इसके बाद पिछले 3 दिनों में 3 फ्लाइंग ऑब्जेक्ट मार गिराए गए हैं। पहला अमेरिका के अलास्का में, दूसरा कनाडा के यूकॉन प्रांत में और तीसरा अमेरिका के मिशिगन में। ये पक्षी है, प्लेन है, ड्रोन है, एलियन है या जासूसी गुब्बारा ? तरह-तरह की बातें चल रही हैं।
9 फरवरी, पेंटागन ऑफिस: ग्राउंड रडार के थ्रू अमेरिका की सीमा में एक और फ्लाइंग ऑब्जेक्ट के एंट्री की जानकारी मिली। इस UFO की तफ्तीश करने के लिए अधिकारियों ने इसके पीछे F-35 विमान लगाया। ये UFO करीबन 40,000 फीट की ऊंचाई पर नॉर्थ ईस्ट डायरेक्शन में उड़ रहा था। ये ऊंचाई सिविल एअर ट्रैफिक के लिए खतरा साबित हो सकती थी। इसकी जानकारी प्रेसिडेंट जो बाइडेन को दी गई। प्रेसिडेंट हाउस से स्पष्ट आदेश आया कि इस UFO को तबाह कर दिया जाए। इसके बाद 10 फरवरी करीबन दोपहर 1:45 बजे इसे कनाडा की सीमा से सटे डेड हॉर्स, अलास्का के तट पर गिरा दिया गया। अमेरिका ने बताया कि इस UFO पर हमला करने से पहले जानकारी मिली थी कि ये कोई एयरक्राफ्ट नहीं है। न ही इसमें कोई आदमी सवार है। इसके बाद उस पर हमला कर दिया गया।
10 फरवरी, नॉर्थ अमेरिकन एयर स्पेस डिफेंस कमांड: पेंटागन को NORAD ने बताया कि उसने अलास्का के ऊपर अननोन UFO को देखा है। इसके बाद अमेरिकी फाइटर जेट्स ने इस UFO का पीछा करना शुरू किया। UFO कुछ घंटों के बाद कनाडा एयर स्पेस की सीमा में दाखिल हो गया। यहां से कनाडा के CF-18 और CP-140 एयरक्राफ्ट भी इस UFO के पीछे लग गए। 11 फरवरी को सुबह 3:41 बजे फाइटर जेट F-22 ने कनाडा के यूकॉन प्रांत के पास इस UFO को अपनी AIM 9X मिसाइल से टारगेट किया। कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने इसकी जानकारी दी। कनाडा की ओर से कहा गया कि UFO 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। इससे उसके सिविल एयरक्राफ्टस को खतरा था। कनाडा ने कहा कि अभी UFO के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है। उसके मलबे को इकट्ठा कर उस पर स्टडी की जाएगी।
12 फरवरी, नॉर्थ अमेरिका: NORAD से इंस्ट्रक्शन मिलते ही अमेरिकन एयरक्रॉफ्ट F-16 मिशिगन के करीब उड़ रहे एक अननोन UFO के पीछे लग जाता है। जैसे ही UFO दोपहर 2:42 बजे अमेरिका-कनाडा बॉर्डर के पास स्थित ह्यूरन लेक के ऊपर पहुंचता है, इस पर मिसाइल दाग दी जाती है।
पायलट को इस UFO को उड़ाने का आदेश सीधे प्रेसिडेंट हाउस से मिला था। इनपुट था कि ये UFO एक सर्विलांस फ्लाइंग ऑब्जेक्ट है। अमेरिका ने इसके बाद कहा कि ये UFO 20,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था और उससे सिविल एयरक्रॉफ्ट के लिए खतरा पैदा हो सकता था। UFO के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पाई है।
अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि ये फ्लाइंग ऑब्जेक्ट, स्पाई बैलून से शेप और साइज दोनों में अलग है। स्पाई बैलून की तुलना में इसका आकार काफी छोटा है। इसका साइज किसी छोटी कार जितना था। वहीं, शेप की बात करें तो ह्यूरेन लेक पर गिरने वाला फ्लाइंग ऑब्जेक्ट दिखने में किसी ऑक्टागोनल सिलेंडर जैसा नजर आ रहा था। इस फ्लाइंग ऑब्जेक्ट में कई सारे स्ट्रिंग लटके नजर आ रहे थे, जबकि स्पाई बैलून में ऐसा कोई स्ट्रिंग लटकता हुआ नजर नहीं आया था।
(60,000 फीट ऊपर उड़ रहे चीनी गुब्बारे को नष्ट करने के बाद उसके मलबे को इकट्ठा करते हुए अमेरिकी नौसैनिक) नॉर्थ अमेरिका में गिराए गए ये फ्लाइंग ऑब्जेक्ट कहां से आए थे, क्या चीन के किसी बड़े सर्विलांस प्रोग्राम का हिस्सा हैं? इस सवाल का जवाब अमेरिका के पास भी नहीं है। 20 हजार फीट और उससे ज्यादा की ऊंचाई पर उड़ रहे 3 फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को मार गिराने के बाद अमेरिका ने इसके बारे में डिटेल जानकारी नहीं दी है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने इसके बारे में कहा है कि अमेरिका - कनाडा बॉर्डर पर ह्यूरन लेक में एक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को मार गिराया गया है। 12 फरवरी रविवार को जैसे ही रडार ने मिशिगन से लगे एयरस्पेस में इस ऑब्जेक्ट की जानकारी दी, इसके बाद यहां के हवाई क्षेत्र को कुछ समय के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। फिर F-16 फाइटर जेट से हमला करके इसे खत्म कर दिया गया। इसके साथ ही अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस फ्लाइंग ऑब्जेक्ट से किसी भी तरह की चीज मिलने से इनकार किया है। ऑक्टागोनल शेप के ये ऑब्जेक्ट, स्पाई बैलून से 20,000 से 40,000 फीट पर उड़ते देखे गए हैं।
31 जनवरी 2023 को अमेरिकी आसमान में स्पाई बैलून नजर आने के बाद अमेरिकी एयरफोर्स और रक्षा विभाग अलर्ट मोड में आ गया। इसका परिणाम ये हुआ कि सिर्फ स्पाई बैलून ही नहीं, कई दूसरे फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स को पकड़ने में भी अमेरिकी एयरफोर्स को सफलता मिली है। पहले जिन फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स को एयर स्पेस से होकर गुजरने की अनुमति दी जाती थी, अब उसकी निगरानी की जा रही है। अमेरिकी डिफेंस कमांड ने अपने एयर स्पेस में किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए अपने रडार सिस्टम को पहले से ज्यादा एडवांस किया है। अमेरिकी रक्षा विभाग की अधिकारी मेलिसा डॉल्टन का कहना है कि हम अपने एयरस्पेस की बारीकी से जांच कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि बीते कुछ दिनों से हम लगातार ऐसे फ्लाइंग ऑब्जेक्ट का पता करके उन्हें मार गिराने में कामयाब हुए हैं।
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अमेरिकी एयर स्पेस में दिखने वाला ये फ्लाइंग ऑब्जेक्ट दो वजहों से अमेरिका के लिए बड़ा खतरा है। पहली वजह ये है कि ये फ्लाइंग ऑब्जेक्ट धरती से बेहद करीब थे। इसकी वजह से हवाई हादसा होने की संभावना थी, इसलिए इसे खत्म कर दिया गया। इसके अलावा अमेरिका का मानना है कि उसके एयरस्पेस की जासूसी के लिए स्पाई बैलून के पकड़े जाने के बाद संभव है कि कोई देश ये नया तरीका अपनाने के लिए टेस्टिंग कर रहा हो। अमेरिकन डिप्लोमैट्स ने तीनों ही फ्लाइंग ऑब्जेक्ट के बारे में अब तक कोई भी ऐसी जानकारी साझा नहीं कि है जिससे ये अंदाजा लगाया सके कि क्या ये तीनों UFO वास्तव में जासूसी के लिए अमेरिका या कनाडा में आए थे या नहीं? तीनों ही फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को नष्ट करने के बाद एक जैसे ही बयान दिए गये। मलबे को एकत्र कर UFO के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। अभी ये हमारे लिए अन-नोन ऑब्जेक्ट्स हैं। इन UFO का सोर्स पता करने की कोशिश की जा रही है, इसके बारे में भी हमें कुछ नहीं पता है। UFO कम ऊंचाई में उड़ रहे थे इसलिए ये खतरा पैदा कर सकते थे। तीनों UFO को इसलिए ही डिस्ट्रॉय किया गया। ऐसे में दो बात हो सकती हैं। पहली तो ये कि अमेरिका और कनाडा अभी इस UFO के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है और दूसरी ये कि दोनों देश अभी मीडिया के सामने इन UFO के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं करना चाहते। अमेरिका ने उन सभी देशों से चीनी स्पाई बैलून के बारे में जानकारी साझा करने के लिए कहा उन्होंने हाल में इसे मार गिराया है। अमेरिका ने NATO देशों से भी इसको लेकर संपर्क किया है। अमेरिका इस मुद्दे को नए सिरे से भुना सकता है। इसके जरिए वह अपने सहयोगी देशों को एकजुट कर सकता है। अमेरिका का कहना है कि चीन अपनी वैश्विक महत्त्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए दूसरे देशों की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
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वहीं, अमेरिका के स्पाई बैलून को मार गिराने पर चीन ने नाराजगी जाहिर की है। चीन ने इसके खिलाफ अमेरिकी दूतावास में 12 फरवरी रविवार को आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराई है। चीन का कहना है कि मौसम से जुड़े रिसर्च के लिए इसका इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा अमेरिका का मानना है कि उसके एयर स्पेस की जासूसी के लिए स्पाई बैलून के पकड़े जाने के बाद संभव है कि कोई देश ये नया तरीका अपनाने के लिए टेस्टिंग कर रहा हो।
अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारी चीन से इन फ्लाइंग ऑब्जेक्ट के भेजे जाने की बात से इनकार नहीं कर रहे हैं। कुछ अधिकारियों का मानना है कि ये UFO चीन या किसी दूसरे देश ने अमेरिका में भेजा है। उनका मानना है कि स्पाई बैलून के पकड़े जाने के बाद संभव है कि कोई देश इस फ्लाइंग ऑब्जेक्ट की टेस्टिंग कर रहा हो। कनाडा और अमेरिका के मुताबिक शुक्रवार को शनिवार को जो दो फ्लाइंग ऑब्जेक्ट दिखे वो धरती से बेहद करीब थे। इसकी वजह से हवाई हादसा होने की संभावना थी, इसलिए इसे खत्म कर दिया गया।
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