दिल्ली - एनसीआर में चौथे दिन फिर भूकंप के झटके
(बृजवासी शुक्ल)
लखनऊ। दिल्ली - एनसीआर में आज फिर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार धरती कांपी है। भूकंप का झटका करीब 54 सेकेंड तक महसूस किया गया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.4 थी। आज रात यहां 7 बजकर 58 मिनट पर लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। ऐसा होते ही लोग घरों के बाहर निकल आए। लोगों ने बताया कि उन्होंने घर के बिस्तर और दीवार पर लगी घड़ी को हिलते-डुलते पाया। इसका केंद्र नेपाल में था।
(भूकंप आने पर लोग घरों के बाहर खुली जगहों पर भागे)
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, नेपाल में आज शाम करीब 7.58 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.4 मैग्नीट्यूड तीव्रता का भूकंप आया। इसकी गहराई 10 किमी थी। इसका असर दिल्ली-एनसीआर में लोगों ने महसूस किया। यहां करीब एक मिनट तक लोगों ने धरती को कांपते हुए पाया। लोगों ने बताया कि भूकंप के झटके आने से पहले ही कुत्ते भौंकने लगे थे। जब भूकंप आया तो घर में लगी दीवार घड़ी हिलने-डुलने लगी। बेड भी हिलता महसूस हुआ। कई लोग घबराहट में घरों के बाहर निकल आए। पिछले एक हफ्ते में दिल्ली-एनसीआर में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। इसके पहले 8/9 नवम्बर (मंगलवार / बुधवार की रात) की रात दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गये थे।
भूकंप आने पर करें ये कामभूकंप ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसका अंदाजा लगा पाने में हम सक्षम नहीं हैं। कब, कहां धरती अचानक डोलने लगेगी, यह बता पाना वैज्ञानिकों के लिए बड़ा मुश्किल है। आपदा वैसे तो संभलने का मौका नहीं देती लेकिन थोड़ा चौकन्ना रहकर आप जिंदगी बचाने की कोशिश जरूर कर सकते हैं। जानिए भूकंप जैसी स्थिति से निपटने के लिए आप कैसे तैयार रह सकते हैं। 1 - भूकंप के झटके जैसे ही महसूस हों तुरंत बिना देर किए घर, ऑफिस से निकल खुली जगह पर निकल जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें। 2 - बाहर जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें। सीढ़ियों से ही नीचे पहुंचने की कोशिश करें। 3 - अगर आप किसी ऐसी जगह हैं जहां बाहर जाने का कोई फायदा नहीं है तो सही यह होगा कि अपने आस-पास ही ऐसी जगह खोजें जिसके नीचे छिप कर खुद को बचाया जा सके। ध्यान रखें भूकंप के समय भागे नहीं इससे नुकसान की संभावना ज्यादा होगी।
इस तीव्रता का भूकंप होता है खतरनाकजानकारी के मुताबिक, अभी तक भूकंप की तीव्रता की अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है। हालांकि रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से कहीं अधिक खतरनाक माना जाता है। इसी पैमाने पर 2.0 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता हैं, जो सामान्यतः महसूस नहीं होते। 4.5 की तीव्रता वाले भूकंप घरों को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं।
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