(घनश्याम मौर्य) बस्ती (उ.प्र.)। स्थानीय शहर की प्रतिष्ठित फर्म पाण्डेय मेडिकल्स के प्रोपराइटर सुरेश पाण्डेय की पत्नी करीब चालीस वर्षीय ललिता पाण्डेय का अपहरण कर लिया गया है। दो दिन बाद भी उनका कुछ पता नहीं चल सका है। परिवार में सभी का रो रोकर बुरा हाल है। शहर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज है और पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। बता दें कि पाण्डेय मेडिकल्स के सुरेश पाण्डेय शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के जामडीह पाण्डेय के निवासी हैं। बीते आठ सितम्बर को वे किसी कार्य से लखनऊ गये थे। इसी दिन सायं उनकी पत्नी ललिता पाण्डेय गांधी नगर बाजार (पक्के बाजार) गयी थीं। रात करीब नौ बजे उनके बेटे ने फोन किया, तो ललिता ने बताया कि गांधी नगर पुलिस चौकी के पास हूं। आटो करके आ रही हूं। करीब साढ़े नौ बजे फिर बेटे ने फोन किया तो ललिता का फोन स्विच आफ बताने लगा। उसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। वे मोबाइल न. 9336517316 अपने साथ ले गई थीं। बेटे ने मां के घर न पहुंचने और फोन स्विच आफ होने पर इसकी सूचना अपने पिता को फोन करके दी। लापता ललिता के पति सुरेश पाण्डेय ने पुलिस अधीक्षक और शहर कोतवाल क
(बृजवासी शुक्ल) गोरखपुर। स्थानीय शहर में संचालित एक अस्पताल संचालक ने अपने यहां काम करने वाली रिसेप्शनिस्ट से रेप किया। रिसेप्शनिस्ट ने विरोध किया, तो उसे बुरी तरह पीटा। उसने रात करीब एक बजे सैलरी देने के बहाने रिसेप्शनिस्ट को अपने केबिन में बुलाया था। घटना शाहपुर इलाके के पादरी बाजार स्थित 'न्यू लाइफ हॉस्पिटल' की है। इसी बीच अस्पताल का एक कर्मचारी वहां आ गया। उसे देख मालिक ने युवती को केबिन से बाहर धक्का दे दिया। इसके बाद रिसेप्शनिस्ट पूरी रात एक कमरे में बैठकर रोती रही। रविवार 21 अगस्त को परिवार के लोगों के साथ युवती ने शाहपुर थाने पहुंचकर शिकायत की। इंस्पेक्टर शाहपुर रणधीर कुमार मिश्र ने बताया, ''रिसेप्शनिस्ट की शिकायत पर लाइफ हॉस्पिटल मालिक मणि पांडेय के खिलाफ रेप और मारपीट का केस दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई है।'' पीड़िता ने बताई कहानी पीड़िता ने बताया कि मैं गोरखपुर के एक गांव की रहने वाली हूं। मेरे पिता बाहर रहकर जॉब करते हैं। मैं अपने भाई-बहनों और मां के साथ गोरखप
(बृजवासी शुक्ल) बस्ती (उ.प्र.)। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले उनके आरक्षण की सूची जारी कर दी गई है। यूपी में 48 जिलों के वार्डों की आरक्षण की सूची जारी की गई है। हालांकि अभी चुनाव के तारीखों का ऐलान होना बाकी है। आरक्षण लागू करने का एक तय फार्मूला है। इसे चक्रानुक्रम फार्मूला कहा जाता है। इस फॉर्मूले के तहत कोई भी सीट सबसे पहले महिला एससी के लिए आरक्षित होती है। निकाय चुनाव में वार्डों की आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। चुनाव में जुटे भावी प्रत्याशियों की तैयारी अब शुरू हो गई है। जिससे नगरपालिका क्षेत्र एवं नगर पंचायतों में चुनावी सरगर्मियां तेज हो जाएंगी। निकाय चुनाव के लिए कल गुरुवार को देर शाम वार्डों का आरक्षण तय किया गया। इसमें कुल 48 जिलों के आरक्षण तय हुए। पांच साल से चुनाव की तैयारी में लगे लोगों को आरक्षण के रूप में जोर का झटका लगा है। नगर पालिका परिषद बस्ती नगर निगम अधिनियम में दी गई व्यवस्था के मुताबिक सबसे पहले अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षण होता है। इसके बाद क्रमश: एससी पुरुष, ओबीसी महिला, ओबीसी पुरुष, महि