कारगिल शौर्य दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, शौर्य स्तम्भ पर मनाया गया विजय दिवस

 

                           (विशाल मोदी) 

बस्ती (उ.प्र.)। कारगिल युद्ध की विजय के 23 वर्ष हमारे लिए गर्व के वर्ष हैं। 26 जुलाई 1999 को इसी दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाये गये ऑपरेशन विजय को सफलता पूर्वक अंजाम दिया था। इसीलिए इस दिवस को कारगिल विजय दिवस के रूप में पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड, भारत विकास परिषद, वशिष्ठ शाखा बस्ती, एनसीसी व सनातन धर्म संस्था के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कारगिल बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी गई।

भारत विकास परिषद के अध्यक्ष डॉ. डीके गुप्ता ने कहा कि 23 वर्ष पूर्व 5000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल पर जब भारतीय सेना ने तिरंगा फहराया उस वक्त देश के प्रत्येक व्यक्ति के मन में सुरक्षा का जो भाव पैदा हुआ वह आज तक बना हुआ है।
इस दौरान जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड बस्ती के अधिकारी कैप्टन विजेंद्र ने उपस्थित एन सी सी कैडेट्स, पूर्व सैनिकों व शहर के गणमान्य नागरिकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि हम सबको भारतीय सेना के पराक्रम पर गर्व है, कारगिल युद्ध कई मामलों में महत्वपूर्ण माना जाता है, जहाँ एक तरफ भारतीय थल सेना ने वहीं दूसरी तरफ वायु सेना के विमानों ने अत्यन्त ऊंचाई पर अपने रण कौशल से विजय पाई वहीं दुनिया भर को भारतीय सेना की ताकत का एहसास कराया। उन्होंने आयोजकों को सुंदर आयोजन के लिये शुभकामनाएं दीं।

समाजसेवी चिकित्सक डॉ. वीके वर्मा ने कहा कि सेना के अदम्य साहस और वीरता को हर भारतीय को प्रणाम करना चाहिये। सेना में जो सैनिक कारगिल जैसे युद्ध मे लड़ाई लड़ रहे थे उनको दुश्मन और प्रकृति दोनों का कहर झेलना पड़ता था। एनसीसी 47 यूपी बटालियन के सूबेदार मेजर बल बहादुर तमांग ने कहा कि 23 वर्ष से आज तक सेना का यह शौर्य हमारे दिलों में जीवित है। उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद व सनातन धर्म संस्था ने बहुत अच्छा संयोजन किया है, संयुक्त रूप से आयोजित इस आयोजन ने शहीदों के पराक्रम और बलिदानों की यादें हम सभी के मन में जीवंत कर दी हैं।

कुआनो नदी के किनारे स्थित कारगिल शौर्य स्तम्भ पर सुबह से ही साफ सफाई व फूलों और तिरंगा गुब्वारों को सजाकर देशभक्ति के गीत बजने शुरू हो गये। एन सी सी कैडेट्स, सनातन शक्ति संगठन से आई बालिकाओं, सेना की तैयारी कर रहे युवाओं, पूर्व सैनिकों व शहर के गणमान्य नागरिकों ने स्तम्भ पर पुष्प चक्र व पुष्प चढ़ाकर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। बालकवि सुयश मिश्र ने शहीद होते सैनिक के मन की अभिव्यक्ति पर आधारित कविता सुनाकर लोगों के नयन सजल कर दिये। पुष्पांजलि के बाद 2 मिनट का मौन रखा गया, फिर राष्ट्रगान व भारत माता के जयकारों के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन पंकज त्रिपाठी ने किया।
कार्यक्रम में हवलदार अनिल यादव, हवलदार अखिलेश पाण्डेय, हवलदार अनुज राणा, हवलदार ज्ञान बहादुर थापा, हवलदार निन बहादुर लिंबू, नायब सूबेदार गुलाम अहमद, हवलदार केशव बस्नेत, रामकुमार मिश्र, अमरनाथ पाण्डेय, इंद्रजीत सिंह, जगदीश चंद्रा, कात्यायनी दूबे, पूजा दूबे, ईशु, विभु, रोटरी क्लब के अध्यक्ष डॉ. अजीत प्रताप सिंह, सचिव आशीष श्रीवास्तव, डॉ. शैलेंद्र त्रिपाठी, संगीता यादव, कौशल गुप्ता, संतोष सिंह, इमरान अली, आमोद उपाध्याय, विजय पाण्डेय, संतोष पाण्डेय, अनुराग शुक्ल, अनिल पांडेय, उमेश चन्द्र मौर्या, धर्म शंकर पान्डेय, अनुज मिश्र, चंद्रवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में राष्ट्र प्रेमी जन उपस्थित रहे।

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