महान स्वतंत्रता सेनानी कमला नेहरु : आजादी का अमृत महोत्सव

 

                !! देश की आज़ादी के 75 वर्ष !!

 "आज़ादी का अमृत महोत्सव" में आज महान स्वतन्त्रता सेनानी हैं कमला नेहरू। ये असाधारण व्यक्तित्व की धनी क्रान्तिकारी महिला थीं। उन्होंने स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान अनेक आन्दोलनों में भाग लिया था और कई बार जेल भी गयी थीं। वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी की धर्मपत्नी और देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री भारत रत्न इन्दिरा गाँधी जी की माँ थीं।

                                    प्रस्तुति - शान्ता श्रीवास्तव

36 - कमला नेहरू महान स्वतन्त्रता सेनानी कमला नेहरू जी का जन्म - दिल्ली के एक हिन्दू ब्राम्हण परिवार में 01अगस्त 1899 को हुआ था। माता का नाम - राजपति कौल और पिता का नाम - जवाहरलालमल था। मात्र 17 वर्ष की आयु में उनकी शादी जवाहरलाल नेहरू जी से हुई जो देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने। शादी के बाद उन्होंने नेहरू परिवार की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। कमला नेहरू बेहद शान्त व शर्मीली स्वभाव की थीं उनकी शिक्षा भी घर पर ही हुई थी। शादी के पहले उन्हें अँग्रेजी भाषा की बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। दिल्ली के ब्राम्हण परिवार से सम्बन्ध रखने वाली कमला नेहरू जी के लिए पश्चिमी परिवेश वाले नेहरू खानदान में एकदम विपरीत माहौल था, जिसमें वह खुद को अलग सा महसूस करती थीं। उन्नीस नवम्बर 1917 को उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया जिनका नाम इंदू रखा गया जो आगे चलकर इंदिरा गाँधी के नाम से प्रसिद्ध हुई और देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं। उनके पति व ससुर दोनों पहले से ही स्वतन्त्रता आन्दोलन में सक्रिय थे। वे जब तक जीवित रहीं पति के कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया।

कमला नेहरु ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम में बढ चढकर हिस्सा लिया। वह राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी से बहुत प्रभावित थीं। वर्ष 1921 के असहयोग आंदोलन से वो स्वाधीनता आन्दोलन में कूद पड़ीं। आन्दोलन के दौरान उन्होंने इलाहाबाद में महिलाओं का एक समूह गठित किया और स्वाधीनता आन्दोलन में सक्रिय हिस्सा लेने के लिए उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने महिलाओं को लेकर विदेशी वस्त्र और शराब की बिक्री करने वाली दूकानों का घेराव किया। उनके अन्दर गज़ब का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता थी जिसका परिचय उन्होंने आज़ादी की लड़ाई के दौरान अनेकों बार दिया। एक बार जब उनके पति जवाहरवाल नेहरू जी को सरकार विरोधी भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तो आगे बढकर उन्होंने भाषण को पूरा किया। सन् 1930 में महात्मा गाँधी जी के नमक सत्याग्रह के दौरान दांडी यात्रा में भी उन्होंने भाग लिया तथा काँग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं को ब्रिटिश सरकार ने जब गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था तब कमला नेहरू जी देश की अन्य महिलाओं के साथ सड़क पर उतर गयी थीं।
 दिखने में सामान्य सी महिला कमला नेहरू कर्मठता के मामले में उनका व्यक्तित्व असाधारण था। स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान ब्रिटिश सरकार ने उनकी गतिविधियों के लिए उन्हें दो बार गिरफ्तार भी किया था। आज़ादी की लड़ाई के दौरान अधिक समय तक वे महात्मा गाँधी जी के आश्रम में भी रहीं जहाँ महात्मा गाँधी जी की धर्मपत्नी कस्तूरबा गाँधी जी के सम्पर्क में आयीं। उसी दौरान उनकी मित्रता जयप्रकाश नारायण जी की धर्मपत्नी प्रभावती देवी से भी हुई। उनके पति उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए थे जिस कारण प्रभावती देवी आश्रम में थीं। कमला देवी को टीबी की खतरनाक बीमारी थी स्विटजरलैण्ड ले जाकर उनका इलाज कराया गया परन्तु कोई सुधार नहीं हुआ दिन प्रतिदिन स्वास्थ्य गिरता गया और 28फरवरी 1936को स्विटजरलैण्ड के लोजान शहर में अन्तिम साँस ली। मृत्यु के समय जवाहरलाल नेहरू जी के साथ उनकी माता स्वरूपरानी, इन्दिरा गाँधी और डॉ0 अटल जी मौजूद थे। कमला नेहरू जी को सौम्यता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति के रूप में याद किया जाता है। उनकी याद में देश के कई संस्थानों और स्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया है। कमला नेहरू तकनीकी संस्थान सुल्तानपुर, कमला नेहरू कॉलेज दिल्ली कमला नेहरू अस्पताल इलाहाबाद। स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान महान स्वतन्त्रता सेनानी कमला नेहरू जी अपने पति की और स्वयं की गिरफ्तारी होने जेल जाने के बावजूद कभी भी हार नहीं मानी।

आइए महान क्रान्तिकारी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी कर्मठ और आदर्श महिला कमला नेहरू जी को प्रणाम करें! सादर शत शत नमन! भावभीनी श्रद्धान्जलि! जय हिन्द! जय भारत! वन्दे मातरम! भारत माता जी की जय!

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शान्ता श्रीवास्तव वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। ये बार एसोसिएशन धनघटा (संतकबीरनगर) की अध्यक्षा रह चुकी हैं। ये बाढ़ पीड़ितों की मदद एवं जनहित भूख हड़ताल भी कर चुकी हैं। इन्हें "महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, कन्या शिक्षा, नशामुक्त समाज, कोरोना जागरूकता आदि विभिन्न सामाजिक कार्यों में योगदान के लिये अनेकों पुरस्कार व "जनपद विशिष्ट जन" से सम्मानित किया जा चुका है।

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