प्रिंसिपल और क्लर्क पर एफआईआर का निर्देश, नाबालिग बालिका को फर्जी तरीके से बालिग बनाने के मामले में सीडब्ल्यूसी ने की कार्यवाही

 

                         (विशाल मोदी) 

बस्ती (उ.प्र.) । आदर्श जनता लघु माध्यमिक विद्यालय पचमोहनी द्वारा जाली प्रमाण देकर नाबालिग बालिका को बालिग बताते हुए लड़की के भविष्य से खिलवाड़ किये जाने के मामले को सीडब्ल्यूसी बस्ती ने गम्भीरता से लिया है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्र ने मामले लिपिक और प्रधानाध्यापक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

    हाल ही में अवयस्क लड़की को बरामद कर पुलिस ने पचमोहनी के उक्त स्कूल के प्रमाणपत्र के आधार पर उसे बालिग मानकर सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश नहीं किया। मामले में पुलिस ने नाबालिग बालिका को बालिग साबित करने की कोशिश में स्कूल से एक फर्जी प्रमाण पत्र जारी करवा लिया और बालिका को सी डब्लयू सी के न्यायालय में प्रस्तुत करने के बजाय थाने में ही रोके रखा। सीडब्ल्यूसी ने मामला संज्ञान में आने पर हस्तक्षेप किया तो जारी आयु प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। सी डब्लयू सी ने दोनों स्कूलों तथा मुकामी पुलिस को तलब किया था।
पैकोलिया क्षेत्र के एक व्यक्ति ने अपनी लड़की को गांव के ही कुछ लोगों द्वारा भगा ले जाने का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए बालिका को सकुशल बरामद कर लिया और आरोपित को गिरफ्तार भी कर लिया। बात जब नाबालिग बालिका को सीडब्लयूसी के सामने प्रस्तुत करने की आई, तो सी डब्लयूसी के अध्यक्ष प्रेरक मिश्र को ज़रिए मोबाइल बालिका के बरामदगी की सूचना तो दी, लेकिन यह बताया की बालिका 21 वर्ष की है और इसके पास स्कूल से जारी प्रमाण पत्र भी है। चूंकि बालिका बालिग बताई गई थी तो सीडब्लयू सी के अध्यक्ष प्रेरक मिश्र ने कहा कि बालिका को सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत करें। प्रकरण में नया मोड़ तब आया जब नाबालिग लड़की के पिता ने सीडब्लयूसी के सामने प्रार्थना पत्र देकर अपनी लड़की को नाबालिग बताया और उसके सन्दर्भ में प्रमाण भी दिया। मामले की जानकारी होते ही न्याय पीठ के सदस्य अजय श्रीवास्तव एवं गोवर्धन गुप्ता ने एसओ से बात कर बालिका को तत्काल प्रस्तुत करने का आदेश दिया। अगले दिन मामले के विवेचक उप निरीक्षक मैनेजर सिंह ने पत्रजातों के साथ बालिका को प्रस्तुत किया। मेडिकल प्रमाण पत्र और बालिका के दो स्कूलों से जारी प्रमाण पत्र पेश किया। जिसमें पूर्व माध्यमिक विद्यालय बभनान से जारी प्रमाण पत्र में बालिका की जन्म तिथि 9.9.2009 बताई गई है और आदर्श जनता लघु माध्यमिक विद्यालय पचमोहनी से जारी प्रमाण पत्र में बालिका की जन्म तिथि 9.9.2000 बताई गई है।

 मेडिकल प्रमाण पत्र में बालिका की आयु लगभग 16साल बताई गई है। प्रस्तुत प्रमाण पत्रों तथा पुलिस की जांच में आदर्श जनता लघु माध्यमिक विद्यालय पचमोहनी से जारी जन्म प्रमाण फर्जी पाया गया है। न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्र, सदस्य डॉ. संतोष श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, गोवर्धन गुप्ता, मंजू त्रिपाठी की टीम ने बालिका को उसके पिता के सुपुर्दगी में देते हुए,दोनों विद्यालय के प्रधानाचार्य को अभिलेखों के साथ तलब किया था। वहीं स्थानीय पुलिस को भी बाल अधिनियम के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर तलब किया था। बाल कल्याण समिति की पीठ ने थानाध्यक्ष पैकोलिया को विधिक कार्यवाही करने का निर्देश देते हुए बाइस मार्च को रिपोर्ट मांगी है।

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