बस्ती : प्रमुख को सपा विधायक की कैद से मुक्ति, 8 थानों की लगी फोर्स

 

                             (विशाल मोदी) 

बस्ती (उ.प्र.) । प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिलने के बाद से सपा नेताओं पर एक्शन भी शुरू हो गया है। बस्ती सदर से नव निर्वाचित सपा विधायक के घर पर आठ थानों की फोर्स ने दबिश दी। ये समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष भी हैं। पुलिस ने इनके घर से बहादुरपुर के ब्लॉक प्रमुख रामकुमार, उनकी पत्नी और बच्चों को भी मुक्त कराया। इन्हें पांच महीने से बन्धक बनाकर रखा गया था। रामकुमार भाजपा से ब्लॉक प्रमुख बने थे, इसके तुरन्त बाद इन्हें सपा में शामिल करा दिया गया था।

          (बंधक से रिहा ब्लॉक प्रमुख रामकुमार) 
महेन्द्र पर आरोप था कि उन्होंने बहादुरपुर ब्लॉक के प्रमुख रामकुमार का अपहरण किया है। इस मामले में पुलिस ने कलवारी थाने में पहले सपा विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया फिर बंधक ब्लॉक प्रमुख को बरामद करने के लिए कार्रवाई शुरू की। कुछ देर की मशक्कत के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई और मजबूर होकर सपा विधायक महेंद्र यादव को बहादुरपुर ब्लॉक प्रमुख रामकुमार को पुलिस को सौंपना पड़ा। पुलिस टीम ने ब्लॉक प्रमुख रामकुमार और उनकी पत्नी व 4 छोटे बच्चों को भी सपा विधायक के चंगुल से छुड़ाया। पिछले 5 महीने से प्रमुख परिवार के साथ बंधक बने हुए थे। नाटकीय तरीके से आज पुलिस ने उन्हें छुड़ाया। रामकुमार पंचायत चुनाव में पहले तो बीजेपी के टिकट से चुनाव जीते मगर कुछ ही दिनों बाद रामकुमार सपा जिलाध्यक्ष के पाले में चले गए थे। तब से रामकुमार का कुछ पता नहीं था। रामकुमार के साले ओमप्रकाश ने कलवारी थाने में एफआईआर दर्ज कराया था। महेन्द्र यादव ने विधानसभा चुनाव में इस बार बस्ती सदर से भाजपा के दयाराम चौधरी को हराकर जीत हासिल की है।
                          (महेन्द्र नाथ यादव) 
एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 18 मार्च का शाम को थाना कलवारी पर रामकुमार के साले ने सूचना दी कि उनके जीजा रामकुमार जो बहादुरपुर के वर्तमान ब्लॉक प्रमुख हैं। उनको 23 अक्टूबर 2021 को जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी महेन्द्रनाथ यादव अपने साथ लेकर गए थे, तब से उनका कोई पता नहीं चला। रामकुमार ने 17 तारीख की रात में अपने साले ओमप्रकाश से फोन पर बातचीत में बताया कि उनको जबरदस्ती महेन्द्र नाथ यादव ने अपने आवास पर बंधक बनाया हुआ है और उनको निकलने नहीं दिया जा रहा है। ओमप्रकाश की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। उन्होंने कुछ ऑडियो भी उपलब्ध कराए हैं, उन ऑडियो को सुन करके तहरीर पंजीकृत की गई और जब मौके पर पुलिस गई तो वहां पर रामकुमार मौजूद थे। आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि रामकुमार को वहां से लेकर के उनके परिवार को सुपुर्द कर दिया गया है। इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जा रही है जो मजरुब और वादी है उनके बयान लेकर लिए जा रहे हैं, फिलहाल मजरुब को हमने अपने तरफ से पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवा दी है।

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