यूपी चुनाव : सौ के बाद चालीस पर टिकी भाजपा की रणनीति

 

                         (प्रशांत द्विवेदी) 

लखनऊ । यूपी चुनाव के प्रत्याशियों को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का दिल्ली में तीन दिन से चल रहे मंथन में पार्टी की एक सौ विधायकों के प्रति चल रही रणनीति महज चालीस पर आकर थम गई है। बीती रात यह बैठक करीब चौदह घण्टे रात एक बजे तक चली। आज सुबह टॉप लीडरशिप ने यूपी के दावेदारों पर चर्चा फिर शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो अब तक यूपी में होने वाले चुनावों में तीन चरणों के प्रत्याशियों की लिस्ट बीजेपी ने फाइनल कर ली है। अब तक माना जा रहा था कि 100 विधायकों के टिकट कट सकते हैं, लेकिन अब 40 विधायकों के ही टिकट कटने की सम्भावना बताई जा रही है।

यूपी में स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद जारी सियासी उठा-पटक के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति बदल ली है। सूत्रों की मानें तो अमित शाह उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में सिटिंग विधायकों का अंधाधुंध टिकट काटने के फैसले के खिलाफ हैं।
माना जा रहा है कि अब मौजूदा विधायकों के टिकट पहले की तुलना में कम कटेंगे और कुछ विधायकों का सीट बदलकर उन्हें दूसरी सीट पर से चुनाव लड़ाया जाएगा। बीजेपी के इस फैसले से उन विधायकों को राहत मिलेगी, जिनका पत्ता कटने वाला था। इससे पहले खबर थी कि यूपी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के करीब 100 मौजूदा विधायकों का पत्ता कट सकता है।

                टिकट काटें या रुकें

सूत्रों के अनुसार, कल की बैठक के दौरान ही मौर्य के इस्तीफे की खबर आने के बाद शाह ने योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं के साथ लंबी चर्चा की है। पार्टी करीब 40 एलएलए के टिकट काटने की तैयारी में बताई जा रही थी। अब इसकी भी समीक्षा की जा रही है। हो सकता है कि अब ज्यादा टिकट न काटे जाएं। कल के घटनाक्रम के बाद बीजेपी के बड़े नेताओं ने मौर्य के साथ जा सकने वाले विधायकों और अन्य को फोन किए हैं। देर रात तक सिलसिला चलता रहा है। मौर्य को भी रोकने की कोशिशें हो रही हैं, हालांकि वह बहुत आगे बढ़ गए हैं।

     बेटे के लिए मांग रहे थे टिकट

भारतीय जनता पार्टी में कहा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेटे उत्कर्ष के लिए रायबरेली की उंचाहार सीट से बीजेपी की टिकट चाह रहे थे, लेकिन बीजेपी सहमत इसलिए नहीं दिख रही थी कि उ‌त्कर्ष इसी सीट से पिछला चुनाव हार गए थे। मौर्य की बेटी बदायूं से बीजेपी सांसद हैं। उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है और उनके जरिए भी मौर्य से बात की कोशिश हो रही है।

          नहीं कटेंगे ज्यादा टिकट

असंतुष्ट विधायकों- मंत्रियों के पार्टी छोड़ने की घटनाओं के बीच भाजपा ने टिकटों में ज्यादा फेरबदल न करने का फैसला किया है। सूत्रों का कहना है कि जहां की रिपोर्ट अधिक खराब है, वहीं बदलाव होगा। पार्टी ने पश्चिम व ब्रज क्षेत्र की अधिकतर सीटों पर चेहरे तय कर लिए हैं। आज केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक शुरू हो गई है। कल संसदीय बोर्ड की बैठक होने की संभावना है, जिसमें इस पर मुहर लगेगी।

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