बस्ती : महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने किया निरीक्षण, प्रसूताओं की सेवाओं में नहीं होनी चाहिए शिथिलता
(विशाल मोदी)
बस्ती (सू.वि.उ.प्र.) । उ. प्र. राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी, (उपमंत्री स्तर प्राप्त) ने शासन द्वारा महिलाओं को उपलब्ध कराये जा रहे चिकित्सकीय सुविधा व उनके कल्याणार्थ चलायी जा रही योजनाओं के हितलाभ हेतु जिला महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने शिकायत रजिस्टर, इमरजेंसी वार्ड, लेबर रूम, सर्जिकल वार्ड 1 व 2, आयुष्मान वार्ड का सघनता से निरीक्षण किया। मरीज भर्ती रजिस्टर, एंबुलेन्स द्वारा ली जा रही सेवाओं के संबंध में उन्होंने सीएमएस डॉ. सुषमा सिन्हा को निर्देश दिया कि समुचित स्वास्थ्य सेवाओं को प्रसूताओं / मरीजों तक पहुंचाने में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय। उन्होंने कहा कि महिलाएं सुरक्षित प्रसव / चिकित्सा के लिए सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में ही आयें। शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप उनके नाश्ते व भोजन का वितरण निर्धारित मीनू के अनुसार सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
सीएमओ डॉ. चन्द्र शेखर ने बताया कि वर्तमान में जिले के 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुरक्षित प्रसव / समुचित चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध हैं। निरीक्षण के दौरान एसीएमओ डॉ. फखरेयार हुसैन, डॉ. सीके वर्मा, डॉ. सीएल कन्नौजिया, डॉ. अनीता वर्मा, डॉ. पंकज शुक्ला उपस्थित रहे। निरीक्षण के क्रम में उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने कस्तूरबा बालिका विद्यालय, डिलिया का निरीक्षण किया। उन्होने छात्राओं से पढाई-लिखायी के बारे में बात किया, उनकी कापिया देखी तथा जनरल नालेज के प्रश्न पूछे। उन्होने शैक्षिक कार्य में सुधार करने का निर्देश दिया। उन्होने बीएसए को निर्देश दिया कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता प्राथमिक शिक्षा है। हमारा लक्ष्य बेटी बचाओ, बेटी पढाओ के साथ ही बेटी को सुशिक्षित करने का भी है। इसके लिए शिक्षिकाए गुणवत्तापरक शिक्षण की पूर्ण जिम्मेदारी निभाये। विद्यालय की वार्डेन रंजना सिंह ने शिक्षण व्यवस्था में सुधार लाने की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि भविष्य में बच्चों की शिक्षण व्यवस्था गुणवत्तापरक मिलेंगी। इस दौरान समन्वयक अमित मिश्र, शिक्षिका प्रज्ञा पाण्डेय, सोनी उपस्थित रही। सर्किट हाउस में उन्होने महिला उत्पीड़न संबंधी 06 मामलों की सुनवाई किया। उन्होने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला उत्पीड़न संबंधी मामलों की सुनवाई करके प्रभावी कार्यवाही करें। महिलाओं के समस्याओं के निस्तारण के लिए महिला थाना तथा प्रत्येक तहसील एवं थाने पर जनसुनवाई केन्द्र अलग से स्थापित किया गया है। जहॉ केवल महिलाए बैठ करके ही उनकी समस्याओं को सुनती है। इसके अलावा 1090 हेल्पलाईन भी संचालित किया जाता है, जिस पर काल करके कोई भी महिला अपनी समस्या बता सकती है। एक महिला की सुनवाई करते हुए उन्होने कोतवाली थाना प्रभारी को फोन पर ही महिला की समस्या का निस्तारण करने का निर्देश दिया। अन्य मामलों में उन्होने महिला थानाध्यक्ष भाग्यवती पाण्डेय को प्रभावी कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। उन्होंने महिलाओं के कल्याण के लिए संचालित भारत सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं के संबंध में अधिकारियों के साथ समीक्षा किया। उन्होने कहा कि पात्र महिलाओं को समय से सभी प्रकार का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत महिलाओं को समय से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये। साथ ही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना में प्रत्येक माह के 09 तारीख को गर्भवती महिलाओं की समुचित जॉच तथा इलाज उपलब्ध कराये। उन्होने कहा कि पीड़ित महिलाओं के साथ संवेदनशील व्यवहार करें तथा उनके स्वावलम्बन के लिए शासकीय योजनाओं का लाभ दिलायें।सुनवाई के दौरान सी.एम.ओ. डॉ. चंद्रशेखर, ए.सी.एम.ओ. डॉ. सी. एल. कनौजिया, बी.एस.ए. जगदीश शुक्ला, संरक्षण अधिकारी वीना सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुपम यादव, डी.पी.ओ. सावित्री देवी, सेंटर मैनेजर प्रतिभा श्रीवास्तव, केस वर्कर रिचा त्रिपाठी, वन्दना मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता रीता पान्डेय, आउटरीच कार्यकर्ता शकुंतला, स्टाफ नर्स रमा निषाद, डीसी रामा यादव, डब्लू. डब्लू. ओ. साधना अग्रहरी, डी.सी. वीरेंद्र गौतम, एल.सी.पी.ओ. विशाल चौरसिया, बी.बी.डब्लू.ओ. रमेश गुप्ता, पी.आर.ओ. मनोज मिश्र, अल्पसंख्यक कल्याण के परवेज अहमद, मृत्युंजय सिंह उपस्थित रहे।➖ ➖ ➖ ➖ ➖
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