छापे के पांचवें दिन आज गिरफ्तार हुआ पीयूष जैन, 257 करोड़ बरामद
(प्रशांत द्विवेदी)
कानपुर । इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर आज पांचवें दिन छापेमारी जारी है। इसे टैक्स चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पीयूष जैन के पास 257 करोड़ कैश कहां से आया ? इसके अलावा जो संपत्ति की जानकारी मिली है उसको लेकर सवाल बना हुआ है। पीयूष जैन को आज दोपहर बारह बजे कोर्ट में पेश किया गया है। कोर्ट में पेशी से पहले पीयूष जैन को कानपुर के हैलेट अस्पताल ले जाया गया है जहां उसका मेडिकल टेस्ट कराया गया। इसके घर से 257 करोड़ रु. कैश व बड़ी मात्रा सोना - चांदी बरामद हुआ है। आयकर और डीजीजीआई ने गुरूवार तेईस दिसम्बर को छापेमारी कर जांच शुरू की। आज पांचवें दिन भी जांच जारी रही।
(पीयूष जैन)इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर छापे को लेकर नया खुलासा हुआ है। पीयूष जैन की कंपनी का टर्नओवर सिर्फ पांच करोड़ रुपये है। कंपनी में तीन पार्टनर हैं, पीयूष जैन, महेश जैन और अंबरीश जैन। 1992 में कंपनी बनाई गई थी। यूपी में कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन को टैक्स चोरी के आरोप में कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। जीएसटी इंटेलिजेंस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। जैन को आगे की कार्रवाई के लिए कानपुर से अहमदाबाद ले जाने की संभावना है। अब तक की छापेमारी के दौरान उनके पास से 257 करोड़ कैश और बड़ी मात्रा में ज्वैलरी बरामद की गई है।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के अफसरों के अनुसार, जैन को सीजीएसटी एक्ट की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया है। एजेंसियों की कार्रवाई के दौरान कारोबारी जैन के घर के अंदर तहखाना मिला और एक फ्लैट में 300 चाभियां मिलीं। इस बरामदगी पर डीजीजीआई (DGGI) की तरफ से अधिकृत जानकारी आनी बाकी है। कानपुर के ज्यादातर पान मसाला निर्माता कम्पनियां पीयूष जैन से ही पान मसाला कम्पाउंड खरीदती हैं। इस बीच रविवार 26 दिसम्बर को कारोबारी के कन्नौज स्थित पुश्तैनी घर में भी छापेमारी की गई। गुरुवार 23 दिसम्बर को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय यानी डीजीजीआई और आयकर विभाग की टीम ने कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर वाले घर पर छापा मारा था। इस दौरान अलमारियों में इतने पैसे मिले थे कि नोट गिनने की मशीनें बुलाई गईं। कुल आठ मशीनों के जरिए पैसे को गिना गया था।जैन तक ऐसे पहुंचीं एजेंसियां
दरअसल, अहमदाबाद की डीजीजीआई टीम ने एक ट्रक को पकड़ा था। इस ट्रक में जा रहे सामानों का बिल फर्जी कंपनियों के नाम पर बनाया गया था। सभी बिल 50 हजार रुपये से कम थे, ताकि ईवे बिल (Eway Bill) न बनाना पड़े। इसके बाद डीजीजीआई ने कानपुर में ट्रांसपोर्टर के यहां छापेमारी की। यहां पर डीजीजीआई को करीब 200 फर्जी बिल मिले। यहीं से डीजीजीआई को पीयूष जैन और फर्जी बिलों का कुछ कनेक्शन पता लगा। इसके बाद डीजीजीआई ने कारोबारी पीयूष जैन के घर पर छापेमारी की। जैन के घर जैसे ही अफसर पहुंचे और जांच शुरू की, तो पता चला अलमारियों में नोटों के बंडल पड़े थे। इसके बाद आयकर विभाग को सूचना दी गई। तभी से इन एजेंसियों की इत्र कारोबारी पर कार्रवाई जारी है।
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