अखिलेश की गिरफ्तारी से पूरे प्रदेश में सपा आन्दोलित, बस्ती, गोरखपुर व वाराणसी में गिरफ्तारियां, ज्ञापन सौंपा

 

                          (विशाल मोदी) 

 लखनऊ / बस्ती / गोरखपुर / वाराणसी । सूबे के के लखीमपुर खीरी जिले में आठ किसानों की मौत के बाद प्रदेश के सभी शीर्ष नेता घटना स्थल पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन शांति भंग न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन विपक्षी दलों के नेताओं को लगातार हिरासत में ले रहा है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को लखीमपुर खीरी जाने से रोक दिया गया। जिसके बाद अखिलेश बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तार होने से पहले अखिलेश ने लखीमपुर घटना को लेकर योगी सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि केंद्रीय राज्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। मृतकों के परिजनों को दो करोड़ का मुआवजा मिले। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों पर इतना जुल्म तो अंग्रेजों की हुकूमत में भी नहीं हुआ जितना बीजेपी राज में हो रहा है। वहीं, सपा कार्यकर्ता के द्वारा पुलिस की गाड़ी में आग लगाने के आरोपों को खारिज करते हुए अखिलेश ने कहा कि पुलिस ने खुद अपनी गाड़ी में आग लगाई है। ऐसा कर के वह आंदोलन को कमजोर करना चाहती है।
 लखीमपुर-खीरी प्रकरण को लेकर अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के बाद पूरे पूर्वांचल भर के सपाइयों में आक्रोश है। सुबह से ही धरना प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर आक्रोश के स्‍वर मुखर होते गए और सपाई धरना प्रदर्शन कर किसानों की मौत और अपने नेता की गिरफ्तारी के विरोध में आक्रोश जताने के लिए जगह जगह एकत्र होकर प्रदर्शन करते नजर आए। वाराणसी में प्रदर्शन कर रहे सपाइयों को पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए हटा दिया। वहींं सोनभद्र, बलिया, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही और चंदौली आदि जिलों में भी सपाइयों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। जिला मुख्‍यालय ही नहीं कस्‍बों और तहसीलों तक में सपाइयों का आक्रोश नजर आया और कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने पुलिस के सामने अपनी गिरफ्तारी देकर शीर्ष नेतृत्‍व के साथ खड़े रहने का स्‍पष्‍ट संदेश देते हुए पार्टी का परचम लहराया। पुलिस के सामने कहीं सपाई डटे नजर आए। काफी जगहों पर पुलिस भी सपाइयों से निवेदन कर उनको वापस लौटने की अपील करती नजर आई।
वाराणसी में जिला मुख्यालय पर धरना देने के लिए सुबह से ही सपा कार्यकर्ता जमा होने लगे। लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में सपा कर्यकर्ता धरने पर बैठ गए तो जिला मुख्यालय पर सपाइयों की जुटान दोपहर तक होती रही। पहले कार्यकर्ताओ ने जिलाधिकारी कार्यालय पर जाने की जिद की तो रोके जाने पर मुख्यालय स्थित गेट पर धरना देने बैठ गए। सरकार विरोधी नारे के साथ दोषियों को फांसी देने की मांग करते रहे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया है जब तक उनकी रिहाई नही होती धरना चलता रहेगा। इसके बाद जिला मुख्यालय पर तनाव बढ़ गया तो सपाइयों की संख्या बढ़ने के साथ पुलिस मुस्तैद हो गई। पुलिस ने रास्ता खाली कर पुलिस लाइन में चल कर वार्ता करने का प्रस्ताव रखा।
धरनारत सपाइयों को समझाने के लिए प्रभारी निरीक्षक अश्विनी पाण्डेय भी पहुंचे और सभी को रास्‍ता खाली करने का अनुरोध करते हुए समझाने की कोशिश की। इसके बाद सपाई नहीं माने तो पुलिस ने सख्‍ती की और सपा नेता रीबू श्रीवास्‍तव को हिरासत में ले लिया। दूसरी ओर सिंह द्वार बीएचयू के पास प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं को एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार सिंह समझाने पहुंचे। रामनगर में भी सपा कार्यकर्ता शास्त्री चौक पर धरने पर बैठ गए। इसके बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना आक्रोश जाहिर किया।
गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में सड़क पर उतर आए। निवर्तमान जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी और निवर्तमान महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर धरने पर बैठ गए। जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपने के बाद पदाधिकारियों ने सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बंद कराने व किसानों को न्याय दिलाने की मांग की। इसके अलावा गोरखपुर व बस्‍ती मण्डल के अन्‍य ज‍िलों में भी सपाई सड़क पर उतरे। 
बस्ती में समाजवादी पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पार्टी उपाध्यक्ष जावेद पिण्डारी के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना देते हुये विरोध प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर सपा नेताओं ने प्रत्येक मृतक किसानों के परिजनों को दो- दो करोड़ रूपये का सरकारी मुआवजा एवं एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाये जाने, दोषियोें की गिरफ्तारी और मामले के उच्च स्तरीय जांच की मांग किया। ज्ञापन देते हुये उपाध्यक्ष जावेद पिण्डारी ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को गिरफ्तार कर लखीमपुर जाने से रोका जाना लोकतंत्र के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने मांग किया कि किसानों की मांगे पूरी की जाय और तीन काले कृषि कानूनों को केन्द्र की सरकार तत्काल प्रभाव से वापस ले।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में जिला उपाध्यक्ष यज्ञेश पाण्डेय के नेतृत्व मे दर्जनों सपा नेता गिरफ्तार किए गए। यज्ञेश पांडेय के साथ विक्रमजोत जिला पंचायत सदस्य आदित्य प्रताप पांडेय सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं को बस्ती जाते समय छावनी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हरैया विधानसभा प्रभारी यज्ञेश पांडेय ने बताया कि हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ बस्ती जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना देने जा रहे थे कि छावनी पुलिस ने थाना के सामने हमारी सभी गाड़ियों को रोक कर जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया। हमारे साथ आदित्य प्रताप पांडेय जिला पंचायत सदस्य विक्रमजोत, दीपक पांडेय, दीपक सिंह, रजनीश पाठक, राजू तिवारी, सचिन पांडेय, बाबूराम वर्मा, जनार्दन यादव, आनंद मिश्र, प्रदीप पांडेय, अतुल पांडेय, रजनीश मिश्र, गगन पांडेय और सुरेंद्र यादव सहित तमाम सपा कार्यकर्ताओं को छावनी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से पूर्व विधायक दूधराम, मो. जमील अहमद, समीर चौधरी, सिद्धेश सिन्हा, अरविन्द सोनकर, अतुल चौधरी कविन्द्र, विजय विक्रम आर्य, हाफिज इलियास, प्रमोद यादव, कक्कू शुक्ल, वृजेश मिश्र, अभिषेक उपाध्याय, मो0 जावेद, मो. सईद, रामवृक्ष यादव, रन बहादुर यादव, रविन्द्र यादव, अंकित शुक्ल, चन्दन कन्नौजिया, श्याममणि यादव, मो. समीर, एजाज अहमद, शफीक अंसारी, जर्सी यादव, सद्दाम, साजिद अली, अयाज अहमद, मो. सलीम, युगुल किशोर चौधरी, रवि गुप्ता, तूफानी यादव, रहमान सिद्दीकी, जहीर अंसारी, इन्द्रावती शुक्ल, राम प्रकाश चौधरी, शिव मोहन यादव, प्रशान्त यादव, रजनीश यादव, संतराम यादव, आमिश खान, राजेन्द्र चौरसिया, मुरली पाण्डेय, दिनेश यादव, अब्दुल मोईन, साजिद अली, भोला पाण्डेय के साथ ही सपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।
  समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष मो. जावेद के नेतृत्व में लोहिया वाहिनी एवं सपा युवा संगठन के पदाधिकारियों, ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुये सोमवार को कटरा पुलिस चौकी के निकट प्रदर्शन कर सरकार का पुतला फूंका। मांग किया कि लखीमपुर में किसानों की हत्या मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र त्याग पत्र दें और मृत किसानों के परिजनों को 2 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता के साथ ही एक -एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाय। लोहिया वाहिनी पदाधिकारियों ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पुलिस हिरासत में लिये जाने की निन्दा करते हुये कहा कि वे लखीमपुर जा रहे थे, उन्हें रोका जाना लोकतंत्र के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है। किसानों की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश सरकार का पुतला फूंकने वालों में मुख्य रूप से युवजन सभा जिलाध्यक्ष अभिषेक उपाध्याय, यूथ बिग्रेड के प्रदेश सचिव आमिश खान, लोहिया वाहिनी प्रदेश सचिव सलमान अहमद, इरशाद खान सलमान, रजनीश यादव, भोला पाण्डेय, सुशील यादव, जहीर अहमद, विशाल पाण्डेय, विकास यादव, पिन्टू, रामवृक्ष यादव, प्रशान्त यादव, अवधेश, आशुतोष चौधरी, आलिश खान आदि पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने कार्यवाहक अध्यक्ष विजय यादव के नेतृत्व में जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। मांग किया कि किसानों के हत्यारों को कड़ा दण्ड देने के साथ ही मृतकों के परिजनों को एक करोड नकद, सरकारी नौकरी दिलाने के साथ ही घटना की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराया जाय। इसके साथ ही केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाकर उन्हें एवं उनके पुत्र को गिरफ्तार किया जाय। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रसपा के अजीत कुमार सिंह, एबादुलहक खान, विपिन त्रिपाठी, बलवन्त मिश्र, डॉ. अजय पाण्डेय, सदावृक्ष तिवारी, वृजेश द्विवेदी, बब्बू सिंह, सोनू गौड़, दीपक सिंह, राहुल गौतम, लालचंद यादव, शमीम खान आदि शामिल रहे।

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