वाॅयरल बुखार रोकने में कारगर है कोविड प्रोटोकाॅल

 

                       (विशाल मोदी) 

बस्ती (उ.प्र.) । प्रदेश के कई जिलों में फैला बुखार न तो मलेरिया है न डेंगू या डेंगी है। न ही यह कोरोना की थर्ड वेव है। यह वायरस या बैक्टीरिया का संक्रमण है। जो सही समय पर इलाज शुरू हो जाने पर ठीक हो जा रहा है। यह कहना है एसीएमओ डाॅ. एफ हुसैन का।

किंग जार्ज मेडिकल कालेज के फिजिओलॉजी विभाग के प्रोफसर डॉ नरसिंह वर्मा सहित सभी जाने-माने विशेषज्ञों का कहना है कि इस बुखार में मरीज को वही सारी दिक्कतें हो रही हैं, जो एक वायरल बुखार में होती हैं। समय पर जांच और इलाज की प्रक्रिया शुरू हो जाने पर यह बुखार बहुत काम समय में ठीक भी हो जा रहा है। इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है।

   दो प्रकार के होते हैं वाॅयरस

सामान्यतः वायरस दो प्रकार के होते हैं। एक कोल्ड वायरस और दूसरा हॉट वायरस। इस मौसम में संक्रामक बीमारियां बढ़ती हैं। इस बुखार का वायरस एक रिसपाइरेट्री वायरस है। यदि कोविड प्रोटोकाल का सही से पालन करें तो इस तरह की बीमरियों को रोकने में सफल हो सकते हैं। इसलिए सावधान रहें और बहुत आवश्यक स्थिति में ही घर से बाहर निकलें।

जिला अस्पताल के फिजीशियन डाॅ. रामजी सोनी का कहना है कि बुखार, कमजोरी जैसी शरीर में कोई भी समस्या आने पर एकदम नहीं घबराएं। किसी भी अस्पताल से परामर्श लेकर जांच और इलाज कराएं। 

यह हैं लक्षण

बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, कंधे जाम हो जाना, अत्यधिक कमजोरी और शरीर में पानी की कमी होना  इन दवाओं का प्रयोग न करें - एस्प्रिन, डिस्प्रिन, आइबू्रप्रोफेन, डिकलोफेनक, एसीक्लोफेने, निमुसिलाइड व काट्रीसोन या स्टीरायड आदि का प्रयोग  न करें। 

         क्या करें

- क्वारंटीन रहें ताकि संक्रमण दूसरों तक नहीं फैले

- विभिन्न तरीकों से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाएं

- ओआरएस घोल की सही मात्रा तैयार कर पीयें

- रसदार फल, नारियल पानी, सूप का सेवन करें

- अधिक से अधिक समय आराम करें

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