डीएम ने दिए फसल बीमा योजना की कम्पनी को कार्य व आचरण में सुधार लाने के निर्देश
(घनश्याम मौर्य)
बस्ती (सू.वि.उ.प्र) । जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का कार्य देख रही कंपनी को कार्य एवं आचरण में सुधार लाने का निर्देश दिया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनपद स्तरीय खरीफ गोष्ठी में उन्होने निर्देश दिया है कि आपदा के तीन दिन के भीतर स्थलीय सत्यापन पूरा करें। बीमा योजना के बारे में किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए गोष्ठी करें एंव पम्पलेट वितरित करें। उन्होने कहा कि खरीफ 2019 में 24286 किसानों का बीमा हुआ तथा मात्र 2269 किसानों को रू0 6410080 वितरित किया गया। रवी 2019 में 33260 किसानों का बीमा किया गया, लेकिन मात्र 1676 किसानों को रू0 167237 वितरित किया गया। उन्होने इस स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया तथा बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि को किसानहित में कार्य करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि बीमा कम्पनी द्वारा लापरवाही पाये जाने पर उनके विरूद्ध एफआईआर भी करायी जायेंगी। उन्होने उप निदेशक कृषि को निर्देश दिया कि बीमा कम्पनी के कार्यो का निरन्तर मानीटरिंग करें तथा उन्हें रिपोर्ट दें। जिलाधिकारी ने कहा कि पिछले वर्ष 72 बाढ क्षेत्र के गॉवों में फसल खराब हुयी थी परन्तु बीमा कम्पनी द्वारा मात्र 03 गॉव के किसानों का क्षतिपूर्ति दिया गया। जिलाधिकारी ने इस संबंध में बीमा कम्पनी का स्पष्टीकरण तलब किया है। इस लापरवाही के लिए करायी गयी एफआईआर पर की गयी कार्यवाही की रिपोर्ट भी जिलाधिकारी ने तलब किया। जिलाधिकारी ने गोशालाओं में उपलब्ध गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार कराने के लिए निर्देश दिया है। उन्होने कहा कि इससे गोशालाओं की आमदनी बढेगी तथा किसानों को अच्छी खाद मिल पायेगी। उन्होने कहा कि जिले में कार्यरत एफपीओ के माध्यम से इस कार्य को आगे बढाया जाय। उन्होने निर्देश दिया है कि महिला स्वंय सहायता समूहो द्वारा पौध तैयार करने के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य किया जाय। इस अवसर पर उन्होने हरिराम सिंह, भगवतीदीन, ओम प्रकाश, राजाराम को फसल क्षतिपूर्ति की धनराशि का प्रमाण पत्र दिया। धनराशि उनके खाते में सीधे भेजी गयी है। इस अवसर पर जिलाधिकारी श्रीमती सौम्या अग्रवाल तथा महेश शुक्ल ने खरीफ अभियान पुस्तिका का विमोचन किया। उप निदेशक कृषि डॉ. संजय त्रिपाठी ने बताया कि जो केसीसी कार्ड धारक किसान बीमा नही कराना चाहते है वे 24 जुलाई के पहले अपने बैंक शाखा को लिखित सूचना दें दे। पराली प्रबन्धन के संबंध में उन्होने बताया कि दो ट्राली पराली देने पर एक ट्राली गोबर किसान को गोशाला से दिया जायेंगा। उन्होने बताया कि जिले में 150 एफपीओ पंजीकृत है। जिला उद्यान अधिकारी राजेन्द्र यादव ने बताया कि खेत के मेड पर बाग लगाने पर भी अनुदान दिया जायेंगा। फूलो की खेती को बढावा देने के लिए बड़े किसानों को दस हजार तथा लघु सीमान्त किसानों को सोलह हजार रूपये अनुदान दिया जायेंगा। पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 आरपी सचान ने बताया कि पशु पालक अपने पशुओ का बीमा करा लें। वर्तमान समय में पशु का टीकाकरण कराया जा रहा है। गन्ना पर्यवेक्षक धर्मेन्द्र ने बताया कि 20 जुलाई तक किसानों के गन्ना का सर्वे तथा 30 अगस्त तक उसका सत्यापन कराया जायेंगा। गन्ना के साथ दलहनी एंव तिलहनी फसल बोने पर 08 हजार रूपया अनुदान दिया जायेंगा। उन्होने बताया कि गन्ना बुआई के संबंध में किसान द्वारा घोषणा पत्र आनलाईन भरा जायेंगा। इस अवसर पर सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति, एडीएम अभय कुमार मिश्र, लीड बैंक मैनेजर अभिनाश चन्द्रा, सहायक निबन्धक सहकारिता प्रेम चन्द्र प्रजापति, सहायक अभियन्ता डॉ0 राजेश कुमार, संदीप कुमार वर्मा, मायाराम यादव, एसके चक्रवर्ती, अरविन्द आनन्द, किसान राधवेन्द्र शुक्ल, रामाज्ञा शर्मा, शिव प्रसाद चौहान, इन्द्रजीत, परमानन्द सिंह, विनय कुमार, अजीत सिंह यादव, गौरी शंकर उपस्थित रहे। इस अवसर पर अवधेश पाण्डेय ने सिरका एंव आर्गेनिक गुड़ तैयार करने के बारे में आवश्यक जानकारी दिया। गोष्ठी में किसानों की समस्याओं को सुनकर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को इसका निराकरण करने का निर्देश दिया। कृषि गोष्ठी के पश्चात् विजय कुमार चौहान, रमाकान्त, श्रीनिवास, लाला जी चौहान, लल्लन प्रसाद, सुभाष चौधरी, रामअचल, अमर चौधरी, प्रमोद शुक्ला, रामबुझारत, उमाशंकर, जग प्रसाद, रामपूरन, शिवप्रसाद, रामनिहोर, गौरीशंकर को उड़द बीज का मिनी किट वितरित किया गया। गोष्ठी में विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ ब्लाक स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रगतिशील किसान, कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए उपस्थित रहे।➖ ➖ ➖ ➖ ➖
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