उ.प्र. में जनसंख्या नियंत्रण पर जनता की राय

 

                         (अनूप पाण्डेय) 

हर्रैया (बस्ती) । देश में लंबे अर्से से सरकारों के लिए जनसंख्या नियंत्रण बड़ा मुद्दा रहा है। एक ओर जहां चीन ने जनसंख्‍या नियंत्रण के लिए दंडात्‍मक कार्रवाई का प्रावधान किया था, वहीं भारत में विभिन्न सरकारों ने हमेशा परिवार नियोजन के लाभ बताने पर ही जोर दिया। इस उपाय की सफलता पर बहस की जा सकती है, लेकिन इसकी एक सच्‍चाई यह भी है कि 1950 में देश में जो प्रजनन दर 5.9 थी, वो अब गिरकर 2.2 हो गई है। अब असम और उत्‍तर प्रदेश की सरकारों का मानना है कि बढ़ती आबादी को रोकने के लिए उन्हें दो बच्चों की नीति की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए राज्य विधि आयोग ने यूपी जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक - 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। ड्राफ्ट में सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का उल्लेख किया गया है। मामले पर 19 जुलाई तक जनता से राय मांगी गई है।

मामले पर तारकेश्वर टाइम दैनिक समाचार पत्र ने अपने पाठकों से राय ली। जिसमें सभी ने सरकार के इस कदम का समर्थन करते हुए इसे सही ठहराया इसके लिए बुद्धिजीवियों अपनी अपनी राय दी है - देश की अधिकांश समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या वृद्धि है। इस पर अंकुश हेतु जनसंख्या नियंत्रण कानून आवश्यक है, पर वो सिर्फ नोटबंदी व नसबंदी, शराब व गुटखा तथा पालीथीन बंदी की तरह ये सिर्फ कुछ दिन अमल में लाकर छोड़ा न जाय न केवल कागजों में। स्पष्ट नीति हो कि किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नौकर व चुनाव लड़ने की छूट उसे होगी जो इसका अनुपालन करेगा।बिना नीति निर्धारकों पर इसको लागू किये सफल होना मुश्किल है।

      चंद्रमणि पांडेय 'सुदामा' जी समाजसेवी हरैया, बस्ती

बिल्कुल इस नीति के तहत कम से कम जनसँख्या नियंत्रण तो होगा।।आज के परिवेश की सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसँख्या है।बढ़ती जनसंख्या के कारण आम जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है उनके समक्ष बड़ी बड़ी समस्याएं आ गयी है जैसे की महंगाई

धीरेंद्र मिश्रा हेल्थ सुपरवाइजर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , हरैया (बस्ती) 

सरकार की इस नीति का हम स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि इससे जनसंख्या नियंत्रण और भी प्रभावी ढंग से होगा

                     डॉ. अरुण सिंह गोरखपुर

सही नीति है लेकिन सरकार को चाहिए कि यदि किसी मां-बाप के दोनों बेटियां ही हैं या एक बेटी है तो उस पर बेटी के लिए सरकार की तरफ से कोई बड़ी आर्थिक सहायता भी दिया जाना चाहिए जिससे कि पितृ सत्तात्मक सत्ता का लोप हो सके और मां-बाप बेटी के रूप में एक अनोखा दैवीय उपहार की प्राप्ति करें।

 प्रदीप यादव मेडिकल टेक्नीशियन 108 एंबुलेंस, संतकबीरनगर

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