यूपी में तीन दिन धरने के बाद एम्बुलेन्स सेवाएं ठप, चक्का जाम

                          (कुन्दन श्रीवास्तव) 

 लखनऊ । सूबे की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में तीन दिन शांतिपूर्ण धरने पर रहने के बाद आंदोलन के बेनतीजा रहने के फलस्वरूप 26 जुलाई को एम्बुलेन्स कर्मचारियों ने चक्का जाम कर दिया है। यूपी में एएलएस एम्बुलेन्स का बदलने के बाद समायोजन, वेतन वृद्धि और बीमा जैसी मांगों को लेकर जीवनदायिनी संगठन के बैनर तले प्रदेश में एम्बुलेन्स का चक्का जाम हो गया है।

जीवनदायिनी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पाण्डेय ने कहा है कि एम्बुलेन्स कर्मचारियों ने तीन दिन तक शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया, लेकिन हमारी मांगों को कोई संबंधित बड़ा अधिकारी सुनने नहीं आया। इससे सिद्ध होता है कि कर्मचारियों की मांगों पर सरकार संवेदनशील नहीं है। मेरी गुजारिश है कि हमारी सभी मांगे पूरी हों। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी कर्मचारियों का 26 जुलाई लगते ही कार्य बहिष्कार पर जाने का आह्वान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में कोई भी जनहानि ना होने पाए क्योंकि हम सब जनता के रक्षक हैं। हम जनता के लिए सदैव संवेदनशील रहेंगे। इसलिए सभी जिला अध्यक्ष को सूचित किया जाता है कि आपके जनपद में जितनी तहसील है प्रत्येक तहसील को एक गाड़ी चिन्हित करके मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बता दिया जाए, जिससे आमजन की हानि भी नहीं होने पाएगी। एम्बुलेन्स के चक्का जाम की वीडियो न्यूज : -
हनुमान पाण्डेय ने कहा कि सिर्फ अति गंभीर मरीजों के लिए 108 की सिर्फ चिन्हित गड़िया ही चलेंगी अन्य कोई भी केस नहीं करेगा। अन्य सभी लोग कार्य बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा ना होने पाए कि हमारे कारण किसी की जान चली जाए मैं यह सख्त हिदायत देता हूं और आप सब को बताना भी चाहता हूं कि प्रत्येक जनता के रक्षक हम पहले भी थे, आज हैं और आगे भी रहेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय ने कहा कि 'शौक नहीं मजबूरी है, अब हड़ताल जरूरी है' क्योंकि कुछ पाने के लिए लड़ना पड़ता है, संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने नारा दिया 'लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती'। बता दें कि उत्तर प्रदेश में एडवांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेन्स का ठेका जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड को दिया गया है। इसके पहले यह सेवा जीवीके ईएमआरआई कं. के पास थी। जिसके कारण करीब एक हजार एम्बुलेन्स कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है। नई सेवा प्रदाता कं. जिकित्जा नये सिरे से भर्ती कर रही है और पुराने कर्मचारी समायोजन की मांग कर रहे हैं। इन कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने से पहले तेईस से पचीस जुलाई तक अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई और प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन किया, लेकिन इनकी एक नहीं सुनी गई। 

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