पत्रकार, अधिवक्ता व मध्यम वर्ग की आर्थिक सहायता करे सरकार

 

                        (चिन्मय श्याम) 

परमेन्दु वेलफेयर सोसाइटी के आरके पाण्डेय ने कहा है कि देश के सजग प्रहरी, न्यायिक पथ प्रदर्शक व करदाता आज भी उपेक्षित हैं 

प्रयागराज (उ.प्र.) । ब्रिटिश हुकूमत से हिंदुस्तान को आजाद हुए 74 साल हो गए लेकिन वोट बैंक की हॉबी राजनीति के चलते जहां कुछ तबकों व विभागों को जरूरत से अधिक जबरन लाभ दिया जा रहा हैं वहीं अनेकों वर्ग आज भी घोर उपेक्षा के शिकार हैं जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण पत्रकार, अधिवक्ता व मध्यम वर्ग है जिसके लिए विश्वव्यापी कोरोना महामारी में भी सरकार ने कोई व्यवस्था नही की है।

 उपरोक्त बातें करते हुए पीडब्ल्यूएस प्रमुख आर के पाण्डेय ने कहा कि दिन-रात समाचारों का कवरेज, प्रकाशन व प्रसारण करने वाले देश के सजग प्रहरी पत्रकार, न्यायिक पथ प्रदर्शक अधिवक्ता व करदाता मध्यम वर्ग के संदर्भ में सरकार ने आज तक कोई व्यवस्था नही की है जबकि यह तीनों वर्ग हर पल समाज व राष्ट्र के लिए जीते हैं। आर के पाण्डेय एडवोकेट ने सुझाव दिया कि अति सम्पन्न लोगों व भारी-भरकम वेतन भोगियों तथा बिना कोई कार्य किये निःशुल्क सुविधाएं लेने वाले लोगों के बजाय सरकार कोरोना संकट काल में पत्रकार, अधिवक्ता व मध्यम वर्ग के लिए कोई ठोस रणनीति बनाये अन्यथा अभावग्रस्त इन तीनो वर्गों की उपेक्षा आगामी चुनाव में सत्तारूढ़ दल के लिए भारी पड़ सकता है। उन्होंने विपक्ष से भी आग्रह किया कि वह इन तीनो वर्गों के घोर उपेक्षा पर अपनी आवाज बुलंद करे।

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