सबसे ज्यादा तो बुजुर्ग ही लगते हैं चिंतित बेचैन - डॉ. वीके वर्मा
(वन्दना शुक्ला)
बस्ती (उ.प्र.) । जिला चिकित्सालय बस्ती में चिकित्साधिकारी, साहित्यकार व समाजसेवी डॉ. वीके वर्मा ने कोरोना पर कई कविताएं लिखी हैं। इनकी यह कविता कोरोना से बुजुर्गों की बेचैनी को दर्शा रही है।
बेचैनी सेे ग्रसित कर दिया,
कोरोना की नई लहर ने।
दुख के सिवा दिया क्या हमको,
’’वर्मा’’ इस बीमार शहर ने।
सबसे ज्यादा तो बुजुर्ग ही,
लगते है चिन्तित बेचैन।
पसर गयी ऐसी खामोशी,
मुख से नही निकलता बैन।
नींद नहीं आती रातों में,
याद्दाश्त भी है कमजोर।
कोरोना की नई लहर ने,
दिया बुजुर्गों को दुख घोर।
डॉ. वी. के. वर्मा - चिकित्साधिकारी,जिला चिकित्सालय-बस्ती
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