कैंसर के साथ कोरोना का वाहक भी बन रहा तम्बाकू

                         (वन्दना शुक्ला) 

बर्बाद हो रही जिन्दगी कैसर के साथ – साथ कोरोना वाइरस (COVID-19) के संक्रमण फ़ैलाने में भी योगदान कर रहा है पान मसाला

 बस्ती (उ.प्र.) । 31 मई 2021 ’’विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर इस वर्ष की थीम है “Commit to quit today and sign the pledge. "नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो, पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली शाम का भी मुख्य कारण है, जो कब जीवन में अंधेरा कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। आप इसका मजा भले ही दिनभर के कुछ सेकंड के लिए लेते हैं, लेकिन यह मजा, कब आपके लिए जिंदगी भर की सजा बन जाए, आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। यह बातें मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनूप कुमार श्रीवास्तव ने तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर जनता को जागरूक करते हुए कहीं। बीस मई से 15 जून तक राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत के साथ ही पूरे विश्व भर में धूम्रपान करने और उससे पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। इस गंभीर लत ने कई लोगों को मौत का ग्रास तक बना दिया। इनके गंभीर परिणाम को देखते हुए धूम्रपान के नुकसान के प्रति जागरुक करने के लिए कई संस्थाएं भी आगे आई हैं। तंबाकू और धूम्रपान के दुष्परिणामों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने इसके लिए एक प्रस्ताव रखा जिसके बाद हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।तभी से 31 मई को प्रतिवर्ष विश्व धूम्रपान निषेध दिवस के रूप में इसे मनाया जाता है।
प्रभारी कार्यक्रम अधिकारी गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम आनन्द गौरव शुक्ल ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया के करीब 125 देशों में तंबाकू का उत्पादन होता है। दुनियाभर में हर साल करीब 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है और एक अरब से ज्यादा लोग इसका सेवन करते हैं।रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 80 फीसदी पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं, लेकिन कुछ देशों में महिलाओं में धूम्रपान करने की आदत काफी बढ़ी है। दुनियाभर में धूम्रपान करने वालों का करीब 10 फीसदी भारत में है। उन्होंने बताया कि दुनिया के किसी अन्य देश के मुक़ाबले में भारत में तंबाकू से होने वाली बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। किसी भी प्रकार का धूम्रपान 90 प्रतिशत से अधिक फेफड़े के कैंसर, ब्रेन हेमरेज और पक्षाघात का प्रमुख कारण है। सिगरेट व तंबाकू – मुंह, मेरूदंड, कंठ और मूत्राशय के कैंसर के रूप में प्रभावी होता है ।सिगरेट व तंबाकू में मौजूद कैंसरजन्य पदार्थ शरीर की कोशिकाओं के विकास को रोककर उनके नष्ट होने और कैंसर के बनने में मदद करता है। लंबे समय तक धूम्रपान करने से मुंह, गर्भाशय, गुर्दे और पाचक ग्रंथि में कैंसर होने की अत्यधिक संभावना होती है। धूम्रपान का सेवन और न चाहते हु, भी उसके धुंए का सामना, हृदय और मस्तिष्क की बीमारियों का मुख्य कारण है। धूम्रपान के धूएं में मौजूद निकोटीन, कार्बन मोनो आक्साइड जैसे पदार्थ हृदय, ग्रंथियों को प्रभावित करते है। 

       प्री कैंसर के लक्षण

मुंह का कम खुलना, मुंह में जलन होना, मसालेदार भोजन का मुंह में सहन ना होना, मुंह और जीभ में सफेदी, लाल चकत्ते या घाव होना, चबाने और निगलने में कठिनाई होना, अत्यधिक लार वनना 

  मुंह का न खुलना चिंताजनक

आम तौर पर मुँह का आकर 40 से 45 मिमि होता है, जिससे चार अंगुलियों मुंह में आसानी से चली जाए I ऐसा न होना चिंताजनक होने साथ ही कैंसर का संकेत भी हो सकता है I प्री कैसर स्टेज में ये 29 मिमि से कम हो जाती है I समय रहते अगर प्री कैंसर का इलाज हो जाय तो मरीज कैंसर जैसे भयावह वीमारी से बच सकता है।

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