एक ही चिता पर जलाए गये कोरोना पीड़ितों के आठ शव

                (बृजवासी शुक्ल) 

 औरंगाबाद । महाराष्ट्र के बीड जिले में एक अस्थाई श्मशान में एक ही चिता पर कोविड-19 से मरे आठ लोगों के शवों को एक साथ जलाया गया। चूंकि अम्बाजोगई कस्बे में स्थित शव दाहगृह में कोविड-19 के मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किए जाने का स्थानीय निवासियों ने विरोध किया था, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने पीडि़तों के लिए सुदूर एक अस्थाई श्मशान की व्यवस्था की है। लेकिन यहां भी कोरोना मरीजों के मरने की बढ़ती रफ्तार से जगह कम पड़ती जा रही है।

अम्बाजोगई नगर परिषद के प्रमुख अशोक सबाले ने बुधवार को बताया कि मांडवा रोड पर कस्बे से करीब दो किलोमीटर दूर एक अलग स्थान पर कोविड-19 के शिकार लोगों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई है। लेकिन यह जगह भी अब कम पड़ रही है। इसलिए मजबूरी में हम लोगों को मंगलवार को एक बड़ी चिता बनाकर उसी में एक साथ आठ शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा। हालांकि इन शवों के बीच पर्याप्त दूरी रखी गई थी। 

उन्होंने बताया कि कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। इससे और मौतें होने की आशंका बनी हुई है। इसीलिए हम अब इस अस्थाई श्मशान का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। इस जगह को मानसून आने से पहले वाटरप्रूफ भी बनाया जाएगा। अधिकारी ने यह भी कहा कि लोग अगर कोरोना के संक्रमण का इलाज कराने के लिए जल्दी आगे आएंगे तो उन्हें बचाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि विगत मंगलवार को बीड जिले में कोरोना संक्रमण के 716 नए मामले दर्ज किए गए हैं। अब यहां कुल 28,491 संक्रमित लोग हैं। जिले में कोरोना से 672 मौतें हो चुकी हैं।

         बढ़ रहे कोरोना के मामले

बता दें कि बीते चौबीस घंटों के अंदर महाराष्ट्र में 59 हज़ार 907 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। जबकि एक दिन में 322 लोगों की मौत हुई है। वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की बात करें तो यहां भी एक दिन में 10 हज़ार 40 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं जबकि 32 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब तक कुल मरने वालों की संख्या 56 हज़ार 652 तक पहुंच चुकी है जबकि मुंबई में कुल मौतों का आंकड़ा 11हज़ार 832 तक पहुंच चुका है।

       नया स्ट्रेन मिलने की आशंका

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण का नया स्ट्रेन मिलने की आशंका है और नमूनों को जांच के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कुछ मरीजों का व्यवहार अन्य मरीजों की तुलना में अलग नजर आ रहा है। एनसीडीसी से यह भी सलाह मांगी गई है कि क्या ऐसे मरीजों के इलाज में किसी नए प्रोटोकाल को अपनाना पड़ेगा।

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