पचपेड़िया रोड निर्माण को लेकर सड़क पर उतरी जनता

                 (बृजवासी शुक्ल) 

 बस्ती (उ.प्र.) । शहर को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग पचपेड़िया रोड के निर्माण की मांग को लेकर आज स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा और सैकड़ों की संख्या में व्यापारी नेता आनंद राजपाल की अगुंवाई में विरोध प्रदर्शन को लोग सड़क पर उतर आये। स्थानीय नेताओं और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई और वक्ताओं ने उनके खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। इसमें कारोबारी, स्थानीय नागरिक और महिला डिग्री कालेज की छात्र छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क को दोनो ओर से बंद कर दिया। सुबह साढ़े 9.00 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन दोपहर 12.00 बजे एडीएम के पहुंचने पर इस शर्त के साथ समाप्त हुआ कि चुनाव समाप्त होने के बाद टेण्डर की प्रक्रिया शुरू होगी और मई माह बीतते बीतते सड़क बनवा दी जायेगी। प्रदर्शनकारियों ने कहा वादा खिलाफी हुई तो इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

इस दौरान आनंद राजपाल ने सड़क निर्माण को लेकर प्रशासन और जन प्रतिनिधियों की ओर से बरती गई उदासीनता को सार्वजनिक किया। प्रदर्शन के दौरान नेताओं पर कमीशन के चक्कर में सड़क निर्माण रोके जाने के आरोप लगते रहे। आनंद राजपाल ने कहा पचपेड़िया रोड हम लोगों के लिये बड़ी समस्या और नगरपालिका के लिये अवसर बन चुका है। जब जब स्थानीय नागरिकों ने आरपार का संघर्ष छेड़ा तो छोटे मोटे बजट रिलीज किये गये, जिसका 40 फीसदी हिस्सा भी सड़क की बेहतरी के लिये खर्च नही हुआ। बाकी धन का बंदरबांट होता रहा। कुछ दिन बाद सड़क फिर पहले जैसे हो जाती है। मोहल्ले के रहने वाले बीडी पाण्डेय ने कहा जनता आज हर प्रकार के टैक्स दे रही है वह भी हैसियत से कहीं ज्यादा, बावजूद इसके बुनियादी सुविधायें मयस्सर नही हो रही हैं, इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति क्या होगी।
युवा समाजसेवी रामप्रताप सिंह ने पूर्व में हुये प्रदर्शनों और इसके नतीजों को प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को जमकर कोसा, कहा बार बार प्रशासन ने झूठ बोलकर धरना प्रदर्शन खत्म करवाया है, लेकिन इस बार यहां के नागरिक समस्या का सम्पूर्ण समाधान चाहते हैं। व्यापारी नेता एवं बस्ती उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महामंत्री सूर्यकुमार शुक्ल, सुनील कुमार गुप्ता, दिनेश दूबे, बबिता शुक्ला, प्रमोद तिवारी, संजय अग्रहरि, नीरज गुप्ता आदि ने आक्रोशित लहजे में सड़क की दुश्वारियां बयां की। मौके पर पहुंचे अधिशाषी अधिकारी अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि सड़क निर्माण की कुल लागत 125,32 लाख है जिसमे पहली 93.99 लाख रूपया डीआरडीए को अवमुक्त किया जा चुका है। पंचायत चुनाव के बाद प्रक्रिया पूरी करते हुये सड़क का निर्माण शुरू करा दिया जायेगा।
इससे सम्बन्धित आदेश जिलाधिकारी ने रोड के निर्माण को लेकर 24 मार्च को दिये गये ज्ञापन के तत्काल बाद कर दिया था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि नगरपालिका ने सम्बन्धित आदेश को फाइलों में दबाकर रखा और जब धरना प्रदर्शन तक बात पहुंची तो इसकी जानकारी देने पहुंच गये। अमित रावत, आंनद राठौर, हरी निषाद, संजय सिंह, विवेक पाण्डेय, सौरभ राजपाल, डा. संजीव पाण्डेय, श्रद्धा शुक्ला, मुसकान शेख, प्रियंका चौधरी, अर्चना गुप्ता, मनीष मिश्रा, मुरली तिवारी, आंचल सिंह, मानसी शुक्ला, ज्योति मिश्रा, रोलू सिंह, रवि तिवारी, विपिन तिवारी, धर्मेन्द्र भारती, धर्मेन्द्र चौरसिया, सतीश सिंह, प्रताप तिवारी, पप्पू तिवारी, जर्नादन, गौरव राजपाल आदि का योगदान रहा। धरना समाप्त होने पर आंनद राजपाल ने जनहित के मुद्दे पर एकजुटता के लिये सभी के प्रति आभार जताया।

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