ले चुके हैं दवाई, फिर भी जारी है कड़ाई @ कोविड

              (बृजवासी शुक्ल) 

गोरखपुर (उ.प्र.) । कोविड टीकाकरण करवाने के बावजूद स्वास्थ्यकर्मी सतर्कता के व्यवहार के जरिये समुदाय को यह संदेश दे रहे हैं कि अभी इस बीमारी का उन्मूलन नहीं हुआ है । इसलिए कोरोना समुचित व्यवहार जारी रखना होगा। स्वास्थ्यकर्मी दवाई की पहली डोज ले चुके हैं लेकिन कड़ाई का मंत्र बिल्कुल नहीं भूले हैं। सतर्क स्वास्थ्यकर्मियों ने जनसमुदाय से अपील की है कि अभी मॉस्क, दो गज दूरी और हाथों की सफाई बहुत जरूरी है। 

जिले में कोविड का पहला टीका लगवाने वाले जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय पर टीकाकरण कार्यक्रम का पूरा दारोमदार है । उन्हें रोज सैकड़ों लोगों से मिलना होता है और बैठकों में शामिल होना होता है। जब भी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाते हैं या कोई उनसे मिलने आता है तो मॉस्क लगाना बिल्कुल नहीं भूलते हैं। उनका कहना है कि जब तक वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ले लेंगे और एंटीबॉडी विकसित नहीं हो जाएगी, किसी प्रकार की ढिलाई नहीं करेंगे। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल मॉस्क और हाथों की सफाई के प्रति बेहद सतर्क हैं । उन्होंने बताया कि टीके की दूसरी डोज लेने के बाद भी वह मॉस्क और हाथों की सफाई का बर्ताव आवश्यकतानुसार जारी रखेंगे क्योंकि इसमें कोई नुकसान नहीं है। मॉस्क और हाथों की सफाई न केवल कोविड वायरस से बल्कि अन्य प्रकार के वायरस, धूल-मिट्टी और प्रदूषण से बचाता है। चरगांवा स्थित कोविड जांच केंद्र पर ड्यूटी कर रही स्टॉफ नर्स सरिता सिंह भी टीके की पहली डोज ले चुकी हैं, लेकिन बिना मॉस्क और हेड कैप के ड्यूटी करने नहीं जाती हैं। उनका कहना है कि बीमारी तब तक नहीं जाएगी जब तक की सबको टीका न लग जाए। इसलिए अभी सतर्कता ही सबसे बेहतर उपाय है। इसमें सिर्फ फायदा है और किसी किस्म का नुकसान नहीं है।  

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कर्मचारी नेता उपेंद्र मणि त्रिपाठी न केवल खुद सतर्कता का व्यवहार अपना रहे हैं, बल्कि सहयोगी कर्मचारियों को भी समय-समय पर सतर्क करते रहते हैं। उनका कहना है कि कोविड के रोकथाम कार्यक्रमों में कर्मचारी संवर्ग ने काफी मेहनत की है। इसलिए थोड़ी सी लापरवाही के कारण अगर बीमारी का पुनः प्रसार होगा तो मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसलिए अभी सभी को सतर्क रहना है।

अभी नहीं भूलना है यह व्यवहार

• भीड़भाड़ वाली जगहों पर मॉस्क का इस्तेमाल अवश्य करें। • हाथों को साबुन पानी से 60 सेकेंड तक सुमन-के फार्मूले से धुलें। • अगर साबुन पानी नहीं मिलता है तो सेनेटाइजर इस्तेमाल करें।• घर से बाहर निकलते समय पॉकेट में सेनेटाइजर अवश्य रखें। • कोशिश करें कि दो गज दूरी के नियम का पालन हो। • खांसते-छींकते समय मुंह पर रूमाल या टिश्यू पेपर अवश्य रखें। • रूमाल और टिश्यू पेपर न रहने पर हाथों की कुहनी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। • सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ सांस भी फूलने लगे तो चिकित्सक की सलाह पर कोविड जांच कराएं।

सतर्क हैं स्वास्थ्यकर्मी कोविड टीके की पहली डोज ले चुके स्वास्थ्यकर्मियों की सतर्कता समुदाय के लिए नजीर है। सभी स्वास्थ्यकर्मियों और समुदाय को यह व्यवहार जारी रखना होगा। ऐसा करके ही हम कोविड को समाप्त कर सकते हैं। - डॉ. सुधाकर पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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