विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस थीम दयालुता पर विधिक साक्षरता, हस्ताक्षर अभियान व गोष्ठी सम्पन्न


(घनश्याम मौर्य) 


गैर संचारी रोग कार्यक्रम के प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आनन्द गौरव शुक्ल ने स्वास्थ्य को परिभाषित करते हुए कहा कि वास्तव में, अच्छे स्वास्थ्य की कल्पना समग्र स्वास्थ्य का नाम है


बस्ती (उ.प्र.) । विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस के अवसर पर प्रदत्त थीम “दयालुता” पर मुख्यचिकित्सा अधिकारी, डॉ ए. के. गुप्ता एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी / नोडल अधिकारी डॉ सी.के वर्मा की अध्यक्षता में गोष्ठी एवं हस्ताक्षर अभियान का आयोजन जिला ए. एन. एम. टी. सी. में किया गया । जिसमे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बस्ती द्वारा विधिक साक्षरता किया गया। विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस के बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ के मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ सके और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ ने 10 अक्तूबर 1992 को की थी।  



अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सी.के वर्मा ने इस बार की थीम “दयालुता” पर जन मानस से अपील करते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित व्यक्तियों के साथ स्नेह एवं सम्मान का भाव होना बहुत जरुरी है। जब मरीज मानसिक रूप से स्वस्थ नही रहता तो उसका विशेष ध्यान देने की आवस्यकता है। साथ ही साथ समय-समय पर मनोचिकित्सक की सलाह लेते रहना महत्वपूर्ण है। 



गैर संचारी रोग कार्यक्रम के प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आनन्द गौरव शुक्ल ने स्वास्थ्य को परिभाषित करते हुए कहा कि वास्तव में, अच्छे स्वास्थ्य की कल्पना समग्र स्वास्थ्य का नाम है। जिसमें शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य , बौद्धिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिक स्वास्थ्य और सामाजिक स्वास्थ्य भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना क्यों जरूरी है ? सालों से मानसिक स्वास्थ्य की अवधारणा को सामान्य बनाने और इसके बारे में स्वतंत्र रूप से बात करने के लिए कई सुधार किए गए हैं। मैं कह सकता हूं, लोग बदल रहे हैं, दुनिया बदल रही है, और यह सही समय है कि हम बाहर आएं और उन मानसिक मुद्दों के बारे में बोलें जिनसे हम पीड़ित हैं। ऐसा करने के कई तरीके हैं।  



कार्यक्रम में साइकेट्रिक सोशल वर्कर डॉ राकेश कुमार ने भी जिले में चल रहे मानसिक इकाई के बारे में कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में जागरूक करते हुए लोगों को बताया की राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की स्थापना बस्ती जिले में 2016 में की गई थी और इस कार्यक्रम की ओपीडी सप्ताह में 3 दिन सोमवार बुधवार एवं शुक्रवार चलती है। बाकी के 3 दिन जागरूकता हेतु सीएससी, पीएससी, कार्यालयों, स्कूलों का भ्रमण एवं अन्य कार्यक्रम किया जाता है।



जिला कार्यक्रम प्रबन्धक राकेश पांडेय द्वारा भी लोगों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के बारे जानकारी प्रदान की गयी और कार्यक्रम की अपेक्षा को देखते हुए सबसेंटर स्तर पर मरीजों को चिन्हित कर मनोचिकित्सक से परामर्श लेने हेतु जिले पर आये समस्त सी.एच.ओ से अपील किया। कार्यक्रम में जिला मलेरिया अधिकारी, नगरीय नोडल अधिकारी, अर्बन समन्वयक, जिले के समस्त एच.ई.ओ., बी.पी.एम., बी.सी.पी.एम एवं मानसिक स्वास्थ्य से नीलम शुक्ल, सत्यम मिश्रा, संजय पटेल आदि उपस्थित रहे।


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