सुरक्षित मातृत्व अभियान में 194 एचआरपी चिह्नित, कराया जाएगा सुरक्षित प्रसव


 कोरोना काल में पटरी पर लौट रही हैं स्वास्थ्य सेवाएं, हर माह की नौ तारीख को जिला महिला व ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में हो रहा आयोजन, हीमोग्लोबीन, बीपी, प्रोटीन, शुगर आदि की जांच के साथ कराया जाता है निःशुल्क अल्ट्रसाउंड 


   (वन्दना शुक्ला) 


बस्ती (उ.प्र.) । प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में इस वर्ष में अब तक 194 उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाएं चिन्ह्ति हुई हैं। हर माह की नौ तारीख को जिला महिला अस्पताल सहित ब्लॉक स्तरीय सभी अस्पतालों में इस दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर एमबीबीएस डॉक्टर से प्रसव पूर्व चार जांच कराई जाती है। स्वास्थ्य विभाग की देख-रेख में एचआरपी महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। डिप्टी सीएमओ आरसीएच डॉ. सीके वर्मा ने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाएं अब धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी हैं।  



अप्रैल व मई में जहां यह अभियान स्थगित था, वहीं अस्पतालों पर लोगों के कम आने की वजह से गर्भवती की जांच नहीं हो पा रही थी। अब धीरे-धीरे कार्यक्रम में तेजी आ रही है। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जो एचआरपी चिन्ह्ति हुई हैं, उसमें 35 सीवीयर एनिमिया वाली हैं। इसके अलावा 15 हाईपर टेंशन, दो डॉयबटिक, 101 प्रसव जटिलता वाली व 38 ऐसी हैं, जिनका पहला प्रसव ऑपरेशन से हुआ है। इनकों उचित परामर्श के साथ ही दवाएं भी दी जा रही हैं। 


      वर्ष 2020 - 21 के आंकड़े


कुल पंजीकरण- 2619


द्वितीय व तृतीय जांच- 1793


हीमोग्लोबीन की जांच- 2455


प्रोटीन की जांच- 2346


अल्ट्रासाउंड- 152


एचआईवी जांच- 2171


सिफलिस जांच- 2011


इस बार 840 ने कराया पंजीकरण


नौ सितम्बर को आयोजित दिवस पर जिले भर में 840 महिलाओं ने पंजीकरण कराया। 78 एचआरपी एचआरी चिन्हि़त हुई। 622 ऐसी थी, जिन्होंने दूसरी या तीसरी बार जांच कराई। 821 की हीमोग्लोबीन, 744 की प्रोटीन, 692 की शुगर, 705 की एचआईवी व 60 की सिफलिस की जांच कराई गई। 59 को निःशुल्क अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा प्रदान की गई।  



        पिछले साल की उपलब्धि


पंजीकरण- 9182


द्वितीय व तृतीय जांच - 5494


हीमोग्लोबीन जांच- 8901


प्रोटीन जांच- 8583


अल्ट्रासाउंड- 751


एचआईवी जांच- 8240


सिफलिस जांच- 6788


एचआरपी- 1053


(सीवियर एनीमिया- 254)


       प्रसव पूर्व होती है चार जांच


प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरूआत चार साल पूर्व हुई। हर माह की नौ तारीख को (अवकाश होने पर अगले दिन) जिला महिला अस्पताल व ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में इस अवसर पर गर्भवती की जांच की जाती है। प्रसव पूर्व चार जांच (एएनसी) की जाती है, जिसमें महिला की बीपी व अल्ट्रासाउंड से लेकर आवश्यक पैथॉलोजी जांच की जाती है। एनीमिया, बीपी आदि के आधार पर एचआरपी को चिन्ह्ति किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग इन महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराता है। कार्यक्रम का मकसद मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को निम्न करना है।


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