बुखार आने पर तुरंत बच्चों को डॉ. को दिखाएं : डॉ. सीपी यादव


 (अंकुर श्रीवास्तव) 


बस्ती (उ.प्र.) । प्रख्यात चिकित्सक डॉ. सी. पी. यादव चंचल ने सलाह देते हुए बताया कि अक्सर बच्चों में तेज बुखार के कारण झटके (मिर्गी) की संभावना अधिक रहती है। यह अक्सर 6 माह से लेकर 5 वर्ष के बच्चों में देखने को मिलता है। अत: जब छोटे बच्चों को तेज बुखार आए तो नॉर्मल पानी से सिर पर एवं पूरे शरीर पर पट्टी करनी चाहिए तथा नजदीकी चिकित्सक को तत्काल दिखाना चाहिए। जब बुखार के कारण बच्चे को झटके आ रहे हो तो उस समय बच्चे को किसी भी प्रकार का तरल पदार्थ मुंह से ना देवे, यह तरल पदार्थ घातक हो सकता है। ऐसी दशा में बच्चों को एक करवट लिटा देना चाहिए, जब बच्चे को झटके आते हैं तो डॉक्टर के पास तुरंत ले जाएं, एवं डॉक्टर के परामर्श के अनुसार इलाज कराएं। यदि जरूरी हो तो खून एवं मस्तिष्क का सीटी स्कैन जरूर कराएं। बच्चे को राहत हेतु पीसीएम का ड्रॉप्स 6 से 12 माह के बच्चे को देवे, व 12 माह से 5 वर्ष के बच्चे को सिरप का प्रयोग मल्टीविटामिन के साथ करें।



जहां तक हो सके बच्चों को मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। हल्के गुनगुने पानी का प्रयोग करें। ताजा भोजन का प्रयोग करें। दलिया, फलों का रस, हरी सब्जियों का प्रयोग सेहत के लिए लाभप्रद होता है। जो बच्चे भोजन कर सकते हैं उनको सादा भोजन ही कराएं, और जो भोजन नहीं कर सकते हैं उनको मां का दूध ही पिलाना अति जरूरी है। बच्चों के लिए माता का दूध रामबाण औषधि है।


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