आकांक्षाओं की पूर्ति के साथ विकास कर रहा भारत : नरेंद्र मोदी

 



Reported & Edited By Dr. S. C. Pandey


नई दिल्ली। भारत आज अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। समारोह स्थल पहुंचने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी का स्वागत किया।  



प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है। इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है। वर्ष 2022, हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, अब बस आ ही गया है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के इस दशक में अब भारत को नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा। अब साधारण से काम नहीं चलेगा। हमारी पॉलिसी, हमारे प्रोसेस, हमारे प्रोडक्ट, सब कुछ बेस्ट होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे। 


नरेंद्र मोदी ने याद दिलाया कि बीते वर्ष मैंने यहीं लाल किले से कहा था कि पिछले पाँच साल देश की अपेक्षाओं के लिए थे, और आने वाले पांच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होंगे। बीते एक साल में ही देश ने ऐसे अनेकों महत्वपूर्ण फैसले लिए, अनेकों महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए। उन्होंने कहा हमारे देश में 1300 से ज्यादा आइसलैंड हैं। इनमें से कुछ चुनिंदा आइसलैंड को, उनकी भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, देश के विकास में उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए, नई विकास योजनाएं शुरू करने पर काम चल रहा है। देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बहुत बड़ी भूमिका है। हिमालय की चोटियां हों या हिंद महासागर के द्वीप, आज देश में रोड और इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है, तेज़ गति से विस्तार हो रहा है।  



नमो ने कहा कि भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है। भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है। इसी प्रकार हमारे पूर्व के ASEAN देश, जो हमारे maritime पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्व रखते हैं। इनके साथ भारत का हज़ारों वर्ष पुराना धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है। बौद्ध धर्म की परम्पराएं भी हमें उनसे जोड़ती हैं। इनमें से कई देशों में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं। जिस प्रकार इन देशों ने कोरोना संकट के समय भारतीयों की मदद की, भारत सरकार के अनुरोध का सम्मान किया, उसके लिए भारत उनका आभारी है। पीएम ने कहा कि आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं, बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है। 



देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है। LOC से लेकर LAC तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। इसी सोच के साथ देश को तीन दशक के बाद एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है। देश के हर कोने में इसका स्वागत हो रहा है।  



नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं। जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन की भी है। स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की घोषणा की है। इसके तहत सभी भारतीय को एक आईडी दी जीएगी। यह भी पहली बार हुआ है जब अपने घर के लिए होम लोन की EMI पर भुगतान अवधि के दौरान 6 लाख रुपए तक की छूट मिल रही है। अभी पिछले वर्ष ही हजारों अधूरे घरों को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए के फंड की स्थापना हुई है।   



स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए कुछ दिन पहले ही एक लाख करोड़ रुपए का ‘एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं। मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए। कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम, बिना किसी लीकेज के हो जाएगा, गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा। अपने इन साथियों को अपने गाँव में ही रोजगार देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है। हमारे यहां कहा गया है - सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्। किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है। इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है। बीते वर्ष, भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत में FDI में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह विश्वास ऐसे ही नहीं आता है। 


 नमो ने कहा कि वन नेशन - वन टैक्स, Insolvency और Bankruptcy Code, बैंकों का Merger, आज देश की सच्चाई है। आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें Make in India के साथ-साथ Make for World के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया इंटर - कनेक्टेड है। इसलिए समय की मांग है कि विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ाना चाहिए, इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर बनना ही है। जब हमारा अपना सामर्थ्य होगा तो हम दुनिया का कल्याण भी कर पाएंगे। आज देश अनेक नए कदम उठा रहा है, इसलिए आप देखिए स्पेस सेक्टर को खुला कर दिया, देश के युवाओं को अवसर मिल रहा है। हमने कृषि क्षेत्र को बंधनों से मुक्त कर दिया। हमने आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास किया है। आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, सामान बनकर भारत में लौटता रहेगा। इसलिए हमें आत्मनिर्भर बनना ही होगा। भारत के किसान सिर्फ देश के लोगों का पेट नहीं भरते, बल्कि दुनिया में जहां लोगों को जरूरत होती है, वहां के लोगों का भी पेट भरते हैं। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत आत्म निर्भर के सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे देश की प्रतिभा, सामर्थ्य, युवाओं, मातृ-शक्तियों पर भरोसा है। मेरा हिंदुस्तान की सोच-अप्रोच पर भरोसा है। इतिहास गवाह है कि भारत एक बार ठान लेता है तो, भारत उसे करके रहता है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले तक N - 95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे। आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है।  



नमो ने कहा कि भारत हमेशा मानता है कि यह विश्व एक बड़ा परिवार है। जब हम आर्थिक प्रगति और विकास की ओर बढ़ रहे हैं तो हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि मानवता इस सफर और इस प्रक्रिया का केन्द्र हो। कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे ? कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे। 


लाल किले से पीएम ने कहा कि एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी। तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे। आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि भारत इस सपने को जरूर पूरा करेगा। मुझे हमारे देशवासियों की क्षमताओं पर, उनकी काबिलियत पर और उनके आत्मविश्वास पर पूरा भरोसा है। अगर हम एक बार तय कर लें तो लक्ष्य पूरा होने तक हम रुकते नहीं हैं। पीएम ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनने के सपने को चरितार्थ करना होगा। मुझे देश के युवाओं और महिलाओं पर पूरा है विश्वास है।


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