राजनीति : फिर हाथी पर सवार राजकिशोर सिंह

(बृजवासी शुक्ल) 


बस्ती ( उ.प्र.) । लगातार तीन बार बस्ती जिले की हरैया विधानसभा सीट से विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह ने कुनबे समेत कांग्रेस से अपना पल्ला झाड़ लिया है। हाल ही में उन्हेांने नई दिल्ली में मायावती से मुलाकात की जहां से उन्हे पार्टी में शामिल होने की हरी झण्डी मिल गयी हैे। उनके बसपा में शामिल होने की औपचारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी।      



पिछले साल ही कांग्रेस में शामिल हुए होने वाले राजकिशोर सिंह राजनीति की हवा भांपने में माहिर कहे जाते है। उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत ही बहुजन समाज पार्टी से की थी। यहीं नही, 2017 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने का पूरा प्रयास किया। पर सफल न होने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 2019 में बस्ती लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे लेकिन मोदी लहर के आगे राजकिशोर सिंह की एक न चली और वह भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी से चुनाव हार गए।


पहला चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा और विधायक बने


राजकिशोर सिंह का राजनीतिक जीवन काफी उतार चढाव वाला रहा है। 2007 वाली बसपा शासन सरकार में उन पर गैगेस्टर भी लगा था। राजकिशोर पर कई जमीनों पर अवैध कब्जे करने तथा परिवार के लोगों राजनीतिक लाभ देने के भी खूब आरोप लगे। राजकिशोर सिंह ने छात्र जीवन से ही लोगों की समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने की शुरूआत कर दी। 2002 में वह पहली बार पंचायत सदस्य बने। इसके बाद इसी साल उन्होंने विधानसभा का चुनाव भी लड़ा जिसमें उन्हे विजय हासिल हुई।


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