कोरोना के इस कहर में सकारात्मक जीवन जीने के 7 मंत्र : आनन्द गौरव

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


इस समय जब पूरे विश्व में डर और नकारात्मकता छाई हुई है । कोरोना- काल में जब पूरा विश्व कोरोनावायरस(COVID-19) की महामारी से जूझ रहा है ऐसे में जब भी हम अपने आसपास, न्यूज़ चैनल या अखबार को पढ़ें एवं देखते हैं  उसमें ज्यादातर न्यूज़ सूचनाएं या जानकारियां डराने वाली निगेटिव लग रहीं हैं । ऐसे में कल को लेकर असमंजस और डर की भावना घर कर रही है और पॉज़िटिव सोच रखना बहुत ही मुश्किल सा हो रहा होगा । दरअसल, परिस्थिति चाहे कितनी ही मुश्किल क्यों न हो, यदि हम उस स्थिति से बाहर निकलने की ठान लें, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं । रात चाहे कितनी ही काली, कितनी ही गहरी क्यों न हो, रात के बाद सवेरा होता ही है । इसी तरह जीवन में चाहे कितनी ही तकलीफ क्यों न आए, दुःख के बादल छंट ही जाते हैं और ज़िंदगी खुशियों से मुस्कुराने लगती है । कोरोना के इस कहर में आइए, हम आपको सकारात्मक जीवन जीने के 7 आसान उपाय बताते हैं । यदि आज कोई व्यक्ति कोरोना वायरस का शिकार नहीं हुआ हो तो भी वह निगेटिव सोच का शिकार है जाहिर सी बात है  जो परस्थितियाँ उभर कर आयी हैं कहीं ना कहीं वह हमारे मानसिक एवं शारीरिक क्षमता को प्रभावित किया है हम निगेटिव सोच के कारण व्यवहार भी उसी तरह से करने लगे हैं ।    



निराशावादी सोच काले बादल की तरह है जो हमारे जीवन में अंधेरा ला देता है अगर हम उस काले बादल को हटाकर आशावादी सोच के पर्यावरण का निर्माण  करें तो हमारा जीवन सुख पूर्ण एवं स्वस्थ रहेगा गीता हमे बताता  है कि “जिस तरह कि हम विचार रखते हैं वैसे हम हो जाते हैं” ,
उसी तरह जब मैं हमारा मन बदलता जाएगा तो हमारा व्यवहार में भी परिवर्तन आता जाएगा इसलिए हमें अपने मस्त मन मस्तिष्क में अच्छे विचार  एवं स्वस्थ विचार ही रखने हैं, नकारात्मक विचारों को आने ही नहीं देना है।
तो आइए जाने की हम लोग कैसे अच्छे विचार ला सकते हैं:-
 निगेटिव थॉट्स / निराशा वादी विचार को कैसे पॉज़िटिव / आशावादी  बना सकते हैं यह आसान नहीं होता लेकिन असंभव भी नहीं है तो क्या-क्या स्टेप्स हैं जिनको अपने जीवन में उतारने से हम नेगेटिव थॉट्स को रिप्लेस करके पॉजिटिव थॉट्स में बदल सकते हैं ।
1 - ईश्वर को धन्यवाद कहें :-
सबसे पहले सुबह सुबह उठे तो मोबाइल पर न्यूज़ या न्यूज़पेपर को न पढ़े या ऐसी कोई न्यूज़ आज के समय में ना देखें जो हमारे मन मस्तिष्क में नकारात्मक विचार पैदा करते हैं हम उसके स्थान पर उन बातों का विशेष ध्यान दें जो हमारे जीवन में सकारात्मकता का निर्माण करने में सहायक हो जिनके होने से हम सुरक्षित और स्वस्थ हैं तो ईश्वर को धन्यवाद कहिए कि उसने आपको इंसान के रूप में इतना सुंदर जीवन दिया है । जब हम ईश्वर को धन्यवाद कहते हैं, तो हमारे मन में अपने जीवन को लेकर संतुष्टि का भाव आता है और हम जीवन को सकारात्मक तरीके से देखने लगते हैं ।


2 - प्रार्थना करें :-
प्रार्थना करना सकारात्मक जीवन जीने का सबसे आसान तरीका है. प्रार्थना करना हमें नम्र बनाता है, दूसरों का भला सोचना सिखाता है इसलिए ईश्वर की हमेशा प्रार्थना करें, जीवन में सर्व प्रथम शिक्षा का प्रारम्भ ही प्रार्थना से होता है ।


3 - योग और मेडिटेशन को जीवन का हिस्सा बनाएं :-
जो लोग रोज़ योग और मेडिटेशन करते हैं, वो हमेशा सकारात्मक रहते हैं । योग और ध्यान हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में आगे बढ़ना सिखाते हैं और अपने लक्ष्य से कभी भटकने नहीं देते, इसलिए योग और मेडिटेशन को जीवन का हिस्सा बनाएं और हमेशा सकारात्मक बने रहें ।


4 - हर हाल में ख़ुद से प्यार करें : -
आपकी परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, हर हाल में ख़ुद से प्यार करें. जब आप ख़ुद से प्यार करेंगे, तो ही दूसरों को भी प्यार दे सकेंगे. जो लोग ख़ुद से प्यार करते हैं, वो हमेशा खुश रहते हैं और दूसरों को भी ख़ुशी देते हैं ।


5 - परिवार, रिश्तेदार एवं मित्रों को समय दें : -
आप समय निकाल कर अपने परिवार, मित्र और रिश्तेदारों को प्रोत्साहित करने का प्रयास करें ।


6 - अफवाह, या डर को न फैलने दें : -


नकारात्मक सोच अक्सर किसी न किसी  डर, अफ़वाह और आत्म सन्देह के कारण आता है ऐसे में हम सब को अपने आप से पूछना चाहिए कि क्या जो मेरा डर है क्या उसका वैलिड  / सही कारण है या सिर्फ मेरा भ्रम है गीता में कहा गया है  “ईश्वर ने हमें भय, लालच और ईर्ष्या कि नहीं वल्कि  सामर्थ  और प्रेम तथा संयम की आत्मा दी है” इसका हमें मनन करना चाहिए कि क्या वास्तव में ऐसा ही है


7 - चुस्त और दुरुस्त रहें  : -
हेल्थ इज़ वेल्थ- ये कहावत आपने ज़रूर सुनी होगी. हम चाहे कितने ही संपन्न क्यों न हों, यदि हम हेल्दी नहीं हैं, तो हम जीवन का लुत्फ़ नहीं उठा सकते. फिट और हेल्दी व्यक्ति हमेशा कॉन्फिडेंट नज़र आता है, इसलिए अपने शरीर का हमेशा ध्यान रखें और हमेशा फिट और हेल्दी बने रहें.


हम सभी लोगों का यह विशेष ध्यान रखना चाहिए कि सकारात्मक या आशावादी सोच का निर्माण एक दिन में एकाएक नहीं हो सकता इसके लिए हमें हर दिन ज्यादातर समय या कह लीजिए हर समय सकारात्मक सोच के विकास के लिए  प्रयास करना पड़ेगा ताकि जो हमारी जीवन शैली है वह परिवर्तित हो सके और हमारे जीवन में जो नकारात्मक सोच के बादल छाए हुए हैं वह धीरे-धीरे छठ सकें हम सबको इसका धीरे-धीरे शुरुआत करना चाहिए और निरंतर करते रहना चाहिए
दोस्तों ऐसे समय में अगर आप नकारात्मक विचारों से परेशान हैं और आपकी मानसिक स्थिति अशांत है या पारिवारिक स्थिति अशांत है तो भगवान श्री कृष्ण जी ने गीता में कहा है शांति का मार्ग सबसे उत्तम मार्ग है आता उसके लिए धैर्य ज्ञान और स्वच्छ विचार का विकास हृदय में करते रहना चाहिए  ।
आनन्द गौरव शुक्ल , प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी  गैर संचारी रोग कार्यक्रम, बस्ती
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