बस्ती : 300 के लिए अस्पताल ने शव देने से रोका , तो डीएम ने कराया मुक्त

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


बस्ती  (उ.प्र.) । एक ओर चिकित्सकीय कार्य में लगे लोगों की हर ओर प्रशंसा हो रही है, तो दूसरी ओर धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉ. अपना दानव रूप भी दिखा रहे हैं । शहर के बड़ेबन स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम ने एक महिला के मृत बच्चे का शव और प्रसूता महिला को मात्र तीन सौ रू. के लिए बन्धक बना लिया । मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया , तो उस महिला अस्पताल में शिफ्ट कराया गया ।   



 स्थानीय कोतवाली थाना क्षेत्र के बड़ेबन में स्थित आलोक हास्पिटल में प्रसव के बाद नवजात बच्चे की मृत्यु हो गयी । पता चला कि पहले तो बीस हजार के भुगतान के लिए महिला को घण्टों परेशान किया गया , फिर बच्चे का शव देने के लिए भी तीन सौ रूपये के लिए शव देने से ही मना किया जाने लगा । मामला संज्ञान में आने पर डीएम आशुतोष निरंजन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए मौके पर टीम भेजा और अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंच कर डेड बॉडी सुपुर्द कराते हुए महिला को मुक्त कराया । तहसीलदार सदर ने पीड़िता को महिला अस्पताल में भर्ती करा दिया है । जहां उसका उपचार चल रहा है । 
    बता दें कि ऐसी शिकायतें आम हैं कि आशा बहुएं अपने गांव क्षेत्र की प्रसव पीड़ित महिलाओं को वीरांगना रानी तलाश कुंवरि जिला महिला चिकित्सालय लाने के बाद तरह तरह के बहाने बनाकर पहले रेफर कराती हैं , फिर चन्द पैसों की लालच में स्थानीय प्राईवेट अस्पतालों के हवाले कर देती हैं। यहां महिला अस्पताल में कम ही मरीजों को शरण मिल पाती है । यहां की टाल मटोल नीति का फायदा भी स्थानीय प्राईवेट अस्पताल खूब उठा रहे हैं ।
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