प्रेस के लिए सोनिया का निन्दनीय प्रस्ताव

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


नई दिल्‍ली । कोरोना वायरस के संकट से लड़ने के लिए पीएम मोदी को सुझाए गए सोनिया गांधी के विकल्प पर भारतीय समाचार पत्र सोसाइटी ने नाराजगी जाहिर की है और मजबूत लोकतंत्र के लिए अपने सुझाव पर पुनर्विचार करने को कहा है।   


दरअसल, सोनिया ने पत्र लिखकर पीएम मोदी को सुझाव दिए थे। इनमें दो साल तक मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापनों पर रोक की बात कही गई थी। इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आइएनएस) के प्रेसिडेंट शैलेष गुप्त ने आइएनएस सदस्यों की ओर से इस प्रस्‍ताव पर अविश्वास व्यक्त किया और कांग्रेस अध्यक्ष के सुझाव की निंदा की है।वित्तीय सेंसरशिप के लिए समान है प्रस्‍ताव -  उन्‍होंने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव वित्तीय सेंसरशिप के समान है। जहां तक सरकार के खर्च का सवाल है, यह बहुत कम राशि है, लेकिन यह समाचार पत्र उद्योग के लिए एक बड़ी राशि है जो किसी भी जीवंत लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। यह एकमात्र ऐसा उद्योग है जहां बाजार की ताकतें वेतन का फैसला नहीं करती हैं। ऐसे में सरकार की इस उद्योग के प्रति एक जिम्मेदारी भी है।


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