लाॅक डाउन में दरोगा जी को पड़ गये डण्डे

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


नालंदा (बिहार) । कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए अधिकतर लोग अपने घरों में कैद हैं। लॉकडाउन के दौरान कम ही लोग सड़कों पर दिख रहे हैं। इस बीच बुधवार को नालंदा अस्थावां बाज़ार में एक अजीब नजारा दिखा। लोग उस वक्त हक्के-बक्के रह गए जब सिविल ड्रेस में सब्जी खरीद रहे एक दारोगा को दूसरे प्रशिक्षु दारोगा ने डंडा जड़ दिया। हालांकि पहचान देने के बाद दारोगा ने माफी मांग ली।



नालंदा के अस्थावां बाजार में चलकदमी बढ़ने एवं लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए अस्थावां पुलिस प्रशिक्षु दारोगा के नेतृत्व में बुधवार की सुबह बाज़ार में गश्त कर रही थी। इसी दौरान अस्थावां थाने में पदस्थापित जमादार अखिलेश सिंह सिविल ड्रेस में सब्जी खरीद रहे थे। एहतियातन उन्होंने मुंह पर मास्क लगा रखा था, जिसके कारण दूसरे प्रशिक्षु दारोगा जी उन्हें पहचान नहीं पाए और उन्हें एक डंडा रसीद कर दिया। डंडा पड़ते ही जमादार साहब कुछ देर तो समझ ही नहीं पाए कि हुआ क्या। कुछ ही देर में उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने गश्त में शामिल पुलिस वालों पर आरोप लगाया कि वे लोग बिना मास्क के ही ड्यूटी कर रहे हैं।
हालांकि पहचान देने के बाद डंडा मारने के आरोपित प्रशिक्षु दारोगा ने दूसरे दारोगा से माफी मांग ली। मामले की जानकारी थाना प्रभारी संतोष कुमार को हुई तो उन्होंने कहा कि थाने में नहीं पर्याप्त मात्रा में मास्क नहीं है। साबुन और सैनिटाइजर तक नहीं दिया गया है। थाने में कार्यरत पुलिस के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर गश्त कर रहे हैं। बिना मास्क के थाने में ड्यूटी करना खतरे से खाली नहीं है। इन परेशानियों पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। पुलिस वालों को संदिग्धों एवं बाहर से आने वालों पर नजर रखने की जिम्मेदारी है। जिसके कारण संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है।
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