तीस साल पहले कितना शुद्ध हुआ पर्यावरण 

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)
पानीपत । एक सप्ताह में प्रदेश में प्रदूषण का स्तर आधे से कम रह गया है। आधे प्रदेश में प्रदूषण का स्तर 100 से 230 माइक्रोग्राम तक बना था, वह अब 100 से नीचे है। नारनौल में महज 23 रह चुका है, जो 22 मार्च को 90 पर था। पानीपत में 178 से महज 54 रह गया है। अब हरियाणा की हवा वादियों जैसी है। पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार इस तरह का पर्यावरण 1970-80 के बीच के सालों में होता था।
 शहरोंमें प्रदूषण का स्तर (माइक्रोग्राम में) : - अम्बाला का 36 , बहादुरगढ़ 39 , हिसार 24 , जींद 49 , कैथल 32 , कुरुक्षेत्र 34 , मेवात 80 , नारनौल 23 , पलवल 56 , पानीपत 54 , सिरसा 99 ,  सोनीपत  62 , यमुनानगर 32 , गुड़गांव  54 , रोहतक 26 , पंचकूला 46 , फरीदाबाद का 64 माईक्रोग्राम है ।   



मार्च में सामान्य से 432% अधिक बारिश हुई है । अबकी बार प्रदेश में मार्च में 69.1 एमएम बरसात हो चुकी है। जो सामान्य से करीब 512 फीसदी अधिक है। इस अवधि में सामान्य बरसात महज 11.3 एमएम होती है। एक के बाद एक पश्चिम विक्षोभ आ रहे हैं, इनसे बरसात हो रही है। इससे भी काफी प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है। जबकि वाहन लगभग बंद हैं , और इनसे होने वाला प्रदूषण नहीं हो रहा।
 पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजेश गाढ़िया के अनुसार प्रदूषण से सल्फरडाईआक्साइड, कार्बन मोनोओक्साइड, कार्बन डाईआक्साइड का स्तर कम है। दो से चार दिनों में और अच्छी स्थिति हो जाएगी। ऐसा पर्यावरण हरियाणा में वर्ष 1970-80 के बीच होता था।
एक्यूवाई का पैरामीटर : -
 0 से 50 तक अच्छा, 51 से 100 संतोषजनक, 101 से 200 मॉडरेट, 201 से 300 तक पूअर, 301 से 400 वैरी पूअर और 401 से 500 बहुत खतरनाक की श्रेणी में आता है।
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