शाहीन बाग में जनता कर्फ्यू का असर
तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)
नई दिल्ली ।शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के विरोध में तीन महीने से भी ज्यादा वक्त से महिलाएं धरना-प्रदर्शन कर रही हैं । लेकिन, कोरोना वायरस और उसके बढ़ते संक्रमण के कारण पीएम नरेंद्र मोदी की जनता कर्फ्यू की अपील से इस विरोध का स्वरूप बदल गया है । रविवार को जनता कर्फ्यू के कारण मौके पर चार से पांच महिलाएं ही पहुंचीं । बाकियों ने धरनास्थल पर अपने-अपने जूते और चप्पलें रखकर विरोध जताया ।
प्रदर्शन स्थल पर पहुंची महिलाओं का कहना था कि वे शाम पांच बजे सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ ताली बजाएंगी ।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि अगर जनता कर्फ्यू जारी रहता है , तो धरना इसी तरह चलता रहेगा । शाहीन बाग में स्थित धरनास्थल पर 22 मार्च को बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है । इसके लिए जगह-जगह पर बैरिकेडिंग भी की गई है । इस पर लिखा है, 'रात 9 बजे के बाद प्रवेश होगा, धरना जारी है ।'
बता दें कि शाहीन बाग में महिलाएं दिसंबर 2019 से सीएए और एनआरसी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रही हैं । बीच सड़क पर टेंट लगाकर धरना देने के कारण आवाजाही महीनों से ठप है । ऐसे में यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है । कोर्ट ने इस मसले को निपटाने के लिए वार्ताकार भी नियुक्त किए हैं, लेकिन अभी तक वार्ताकार धरना-प्रदर्शन को खत्म कराने में नाकाम रहे हैं । शाहीन बाग में स्थित धरनास्थल पर 22 मार्च को बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है ।
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