ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरे दोस्त हैं : राहुल गांधी

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


नई दिल्ली । ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद ऐसी खबरें आ रही थीं कि उन्हें सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मिलने का वक्त नहीं दिया। बताया जाता है कि राहुल और सोनिया से ज्योतिरादित्य ने कई बार समय मांगा था लेकिन नहीं दिया गया है। सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है।



राहुल गांधी ने मीडिया में चल रही खबरों पर सफाई देते हुए कहा कि वो मेरे साथ पढ़ते थे, मेरे घर के दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी भी मेरे घर आ सकते थे। वह कांग्रेस के इकलौते ऐसे सदस्य थे जो कभी भी मेरे घर आ सकते थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरे दोस्त हैं।
कहा जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो वह राहुल गांधी के सबसे भरोसेमंद थे। राहुल गांधी ने अध्यक्ष रहते हुए उन्हें कई बड़ी जिम्मेदारी थी। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद की कुर्सी छोड़ दी। उसके बाद सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनीं। सोनिया की अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद राहुल के लोगों की पार्टी में अनदेखी शुरू हो गई थी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के रिश्ते अच्छे हैं। दोनों पार्टी में महासचिव थे। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों साथ में काम किया था। एक के पास पूर्वी और एक के पास पश्चिमी यूपी की जिम्मेदारी थी। पार्टी मीटिंग के दौरान भी प्रियंका और सिंधिया साथ देखते थे। लेकिन हाल के दिनों में वह पार्टी में अलग-थलग पड़ गए थे। साथ ही उनकी मांगों पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता था।
मध्यप्रदेश की राजनीति में खुद को स्थापित करने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार संघर्ष कर रहे थे। मगर पार्टी उनकी अनदेखी कर रही थी। लोकसभा चुनाव में हार के बाद सिंधिया चाहते थे कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाए, साथ ही राज्यसभा भी भेजा जाए। लेकिन इस मुद्दे पर न तो उनकी बात सीएम कमलनाथ और न ही सोनिया गांधी से बात हो रही थी।
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