होलाष्टक 3मार्च से 9मार्च तक

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


           ( राम प्रकाश मिश्र )


होलाष्टक क्या होता है ? मित्रो होली से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं । यह इस बार 2 मार्च से लग जायँगे और 9 मार्च  तक रहेंगे । यह दिन अच्छे नही माने जाते हैं और इन दिनों में कोई भी शुभ काम नही किया जाता है । कहा जाता है कि इन दिनों अगर कोई शुभ काम करो तो उसका फल नही मिलता है । इसलिए शादी विवाह सगाई नामकरण संस्कार ग्रह प्रवेश महूर्त और जो भी शुभ कार्य होते है उनको नही करना चाहिए ।



इसके पीछे बहुत सी कहानियां हैं । कहते है कि कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या इन दिनों ही भंग करने की कोशिश की थी और भगवान शिव ने गुस्से में कामदेव को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्ठमी तिथि को भस्म कर दिया था । तब कामदेव की पत्नी ने भगवान शिव की तपस्या की थी , भगवान शिव ने कामदेव को फिर से जीवन दान दिया था । जिस दिन कामदेव को जीवन दान मिला था वो धुलेंडी बड़ी होली का दिन था ।


जो यह आठ दिन है इसमें कामदेव की पत्नी रति विरह की अग्नि में जली थी इसलिए इन आठ दिनों में कोई भी शुभ काम खास तौर पर शादी के विवाह महूर्त नही निकाले जाते है । कुछ लोगो का यह भी कहना है होली से आठ दिन पहले प्रह्लाद को बहुत यातनाये दी गई थी , जिसकी वजह से इन आठ दिन अच्छे नहीं माने जाते हैं , यह दिन अशुभ कहे जाते है ।



होलाष्टक के पहले दिन जहाँ पर होली का जलाना है वहाँ गोबर की लिपाई की जाती है गंगाजल से उसको शुद्ध किया जाता है और होली के जलने की प्रतीक्षा की जाती है । जब होली जल जाती है बुराई का अन्त भी हो जाता है और सभी शुभ कामो के लिए महूर्त खुल जाते है । होली से आठ दिन पहले इन दिनों में कोई भी शुभ काम हमको नही करना चाहिए कोई नई चीज खरीदने से भी बचना चाहिए 
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