प्रेस क्लब में कवि सम्मेलन व मुशायरा सम्पन्न
तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)
बस्ती (उ.प्र.)। अदबी संगम द्वारा प्रेस क्लब में कवि सम्मेलन, मुशायरे का आयोजन बद्र गोरखपुरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि जिला पूर्ति अधिकारी रमन मिश्र ने कहा कि साहित्य के बिना मनुष्य अधूरा है। साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को आईना दिखाने की भूमिका निभाते हैं। उनकी दार्शनिक रचना ‘ तुम अगर साथ दो, साध लू मौन मैं, हाथ थामो अगर, जान लू कौन मैं’ को सराहा गया। मशहूर शायर ताजीर वस्तवी के शेर ‘ आपको देखकर सब लोग मचल जाते हैं, और इक आप हैं, धीरे से निकल जाते हैं, को वाहवाही मिली।
संचालन कर रहे डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कुछ यूं कहा- ‘काली नागिन आज मौका है तो डसके देख लें, मौत डसने में नही है, तेरे बल खाने में है’। विनोद उपाध्याय के शेर ‘ दर्द दिल का बढा दीजिये, अब न कोई दवा दीजिये, और डा. वी.के. वर्मा की रचना ‘ फागुन का आ गया महीना, घर आ जाओ मेरी मीना, वह बोली की मिली न छुट्टी, बास है मेरा बहुत कमीना’ को श्रोताओं ने सराहा। डा. अफजल हुसेन अफजल के शेर ‘ इन निगाहांे को चार मत करना, जिन्दगी बेकरार मत करना’ को सराहना मिली। अध्यक्षता कर रहे बद्र गोरखपुरी ने कुछ यूं कहा ‘ बहारो की निशानी लिख रहा हूं, तुम्हें फूलों की रानी लिख रहा हूं, हुये थे मेरी मिट्टी के साथी, हवा और आग पानी लिख रहा हूँ, ने मुशायरे को ऊंचाई दी। कवि सम्मेलन मुशायरे में सत्येन्द्रनाथ ‘मतवाला’ सागर गोरखपुरी, जगदम्बा प्रसाद भावुक, हरीश दरवेश, अनवार पारसा आदि कवियों की रचनायें सराही गई।
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