नवजात के लिए वरदान कंगारू मदर केयर

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


सन्तकबीर नगर  (उ.प्र.) । नवजात को हाइपोथर्मिया से बचाने के लिए जिले में कंगारु मदर केयर काफी कारगर साबित हो रहा है। जिला अस्‍पताल के साथ ही सभी एफआरयू व पीएचसी बघौली में यह सुविधा सुचारु रुप से चल रही है। समय से पूर्व और कम वजन के बच्‍चों को हाइपोथर्मिया ( ठण्‍डा बुखार ) से बचाने के लिए यूपीटीएसयू ( उत्‍तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ) निरन्‍तर डिलिवरी में लगे स्‍टाफ को प्रशिक्षित करने में लगी हुई है।
एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा बताते हैं कि समय से पहले पैदा हुए बच्‍चों तथा कम वजन के बच्‍चों के शरीर में स्‍वंय तापमान स्थि‍र रखने की प्रक्रिया पूरी तरह से काम नहीं करती है। इसी के चलते ऐसे बच्‍चों के शरीर का तापमान बहुत कम रहता है। कतिपय पैदा होने के बाद बच्‍चे के बहुत ठण्‍डी सतह के सम्‍पर्क में आ जाने से भी ऐसी स्थिति आती है। ऐसे में हम कंगारु मदर केयर का सहारा लेते हैं। इसमें मां की त्‍वचा से बच्‍चे की त्‍वचा का सीधा सम्‍पर्क कराया जाता है। कंगारु मदर केयर के लिए प्राइवेसी की जरुरत होती है। जिला अस्‍पताल में इसके लिए अलग से केएमसी यूनिट है। जबकि एफआरयू और प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में वार्ड में ही एक बेड को अलग करने के साथ ही उसे सुसज्जित करके कंगारु मदर केयर कार्नर बनाया गया है। यूपीटीएसयू ने इसके लिए नर्स मेण्‍टर्स के जरिए नर्सेज और प्रसव में लगी एएनएम को भी प्रशिक्षित किया है। ताकि बच्‍चों को हाइपोथर्मिया से बचाया जा सके।



सीएचसी खलीलाबाद में टीकाकरण के लिए आई ज्‍योति अग्रहरि बताती हैं कि उनका प्रसव निर्धारित समय से एक माह पूर्व ही हो गया था, बच्‍चे के शरीर का तापमान कम हो रहा था। ऐसे में नर्सेज ने कंगारु मदर केयर का ही सहारा लिया, जिसके चलते उनका बच्‍चा हाइपोथर्मिया से बच गया। बच्‍चा अब पूरी तरह से स्‍वस्‍थ है।  
नवजात का तापमान 36.5 डिग्री से कम न हो
डॉ मोहन झा जो बाल रोग विशेषज्ञ भी हैं वह बताते हैं कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार नवजात के शरीर का तापमान 36.5 सेण्‍टीग्रड से 37.5 डिग्री सेण्‍टीग्रेड होना  चाहिए। ऐसे में बच्‍चों के शरीर का तापमान 36.5 सेण्‍टीग्रेड से 36 सेण्‍टीग्रेड आता है तो वह सामान्‍य से कम है, अगर 35.9 से 32 सेण्‍टीग्रेड तक होता है तो वह बेहद कम है। साथ ही अगर 32 डिग्री सेण्‍टीग्रेड से कम आता है तो वह जटिल तथा बेहद ध्‍यान देने योग्‍य है।
क्‍या है कंगारु मदर केयर
कंगारु मदर केयर समय से पहले या कम वजन के साथ पैदा हुए बच्‍चों को हाइपोथर्मिया से बचाने का एक आसान तरीका है। इसमें एक सुविधाजनक कुर्सी या पलंग पर तकिए का टेक लगाकर मां और बच्‍चे को इस तरह से बैठाते या लिटाते हैं कि बच्‍चा मां की छाती से सीधे सम्‍पर्क में रहे। उपर से उसे तैलिया तथा सर में टोपी लगाते हैं। बच्‍चे की त्‍वचा और मां की त्‍वचा के बीच सीधा सम्‍पर्क होना चाहिए।
ऐसे करें हाइपोथर्मिया से बचाव
हाइपोथर्मिया से बचाने के लिए प्रसव वाले कमरे का तापमान 28 डिग्री सेण्‍टीग्रेड से 30 डिग्री सेण्‍टीग्रेड तक होना चाहिए। समय से पहले या कम वजन के साथ बच्‍चे पैदा होते हैं तो बच्‍चों पर बहुत ध्‍यान देने की जरुरत होती है। पैदा होने के तुरन्‍त बाद बच्‍चे को सूखे मुलायम कपड़े से पोछकर मां के शरीर के सम्‍पर्क में रखना चाहिए। गर्मी के दिनों में 2 दिन तथा ठण्‍डी के दिन में 5 से 7 दिन तक बच्‍चे को नहलाना नहीं चाहिए।
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