नाईट ब्लड सर्वे में मिले फाइलेरिया के 35 मरीज
तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)
बस्ती (उ.प्र.) । जनपद में चलाए गए नाइट ब्लड सर्वे में फाइलेरिया के 35 मरीज मिले हैं। हर्रैया ब्लॉक के एक ही गांव में 12 मरीज चिन्ह्ति किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिन्ह्ति मरीजों वाले गांव में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान विशेष नजर रखी जा रही है।
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कैंपेन से पूर्व जिले के छह ब्लॉकों व नगरीय क्षेत्र के चिन्ह्ति आठ गांव/मोहल्लों में फाइलेरिया नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने देर रात में लोगों के घरों में पहुंचकर खून का नमूना लिया। अब सभी जगहों से नमूने की रिपोर्ट आ गई है। सर्वाधिक हर्रैया ब्लॉक के थान्हा खास गांव में एक दर्जन मरीज मिले हैं। इसके अलावा सदर ब्लॉक के महसों कस्बे में छह, कुदरहा के गायघाट में पांच, शहर के पुरानी बस्ती के चिकवा टोला व पठान टोला में पांच मरीज मिले हैं। अन्य जगहों पर इक्का-दुक्का मरीज मिले हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी आईए अंसारी ने बताया कि सर्वे में दो टीमें लगाई गई थी। दोनों टीमों ने 4095 लोगों का ब्लड लेकर उसकी जांच की है। इस बार यह प्रयास किया गया कि ब्लड निर्धारित समय पर ही निकाला जाए तथा जांच में किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए। जो रिपोर्ट आई है उसके अनुसार डिजीज रेट 0.41 प्रतिशत है। रिपोर्ट के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जिले में फाइलेरिया बीमारी गंभीर समस्या नहीं है। इसके बावजूद जिन क्षेत्रों में मरीजों की संख्या ज्यादा मिली है, उन पर विशेष नजर रखी जा रही है। शत-प्रतिशत लोगों को दवा खिलाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे अन्य लोग संक्रमित न होने पाएं।
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पिछले साल मिले थे 17 मरीज
पिछले साल चलाए गए नाइट ब्लड सर्वे अभियान में 17 मरीज मिले थे। इस साल यह संख्या बढ़़ गई है। डीएमओ का कहना है कि इसका मुख्य कारण नाइट ब्लड सर्वे में सेम्पल की संख्या बढ़ा दिए जाने व जांच की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया जाना है। नाइट ब्लड आम तौर से उन्हीं क्षेत्रों में चलाया जाता है, जहां ज्यादा मरीजों के मिलने की संभावना होती है।
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फाइलेरिया की दवा खाकर रोग से हो सकते हैं सुरक्षित
डीएमओ का कहना है कि इस समय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जो 29 फरवरी तक चलेगा। दो साल से ऊपर के सभी लोग (गर्भवती, गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर) फाइलेरिया की दवा खा सकते हैं। एक बार दवा खाने के बाद व्यक्ति एक साल तक फाइलेरिया के संक्रमण से सुरक्षित रह सकता है। आशा से संपर्क कर उसकी मौजूदगी में दवा खा सकते हैं।
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