बस्ती - अयोध्या सीमा पर गड़े छ: माईलस्टोन

तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)


बस्ती  (उ.प्र.) । बस्ती और अयोध्या जिलों के बीच सरयू की धारा मुड़ने से बदले भौगोलिक स्थिति से उपजा तीन दशक पुराना सीमा विवाद गुरुवार को समाप्त हो गया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेमप्रकाश मीणा के नेतृत्व में बस्ती की टीम ने अयोध्या की टीम को साझा कर सीमांकन किया। जिसके बाद सरयू के उस पार स्थित माझा किताअव्वल गांव से लेकर सीतारामपुर माझा तक के बीच सीमा पर कुल छह पत्थर गाड़े गए।



उल्लेखनीय है कि बालू खनन के लिए पट्टा आवंटन तथा खदान के स्थान को लेकर करीब तीन दशक से दोनों जिलों के बीच विवाद बना रहा। कई बार अयोध्या प्रशासन द्वारा नीलाम किए गए खनन स्थलों पर बस्ती ने दावा किया तो बस्ती प्रशासन के निर्णय के विरुद्ध अयोध्या प्रशासन को सामने आना पड़ा। इसके बीच पिसते जिले के मड़ना माझा, माझा किताअव्वल, दलपतपुर, सीतारामपुर माझा, माझा बरहटा, माझा कशीपुर, माझा तिरहा जैसे दर्जनों राजस्व गांवों के लोगों को बाढ़ आदि की दैवीय आपदा में मदद के लिए भी परेशान होना पड़ता था। नदी के दक्षिण राहत पहुंचा पाना बस्ती प्रशासन के लिए चुनौती बना था तो अयोध्या प्रशासन इन्हें अपना नागरिक न मानते हुए मदद से किनारा कस लेता था। अब जबकि अयोध्या को तीर्थ क्षेत्र घोषित कर वैश्विक पटल पर स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है, तो दोनों जिलों की संयुक्त टीमें सीमा विवाद के निस्तारण में लग गई। तहसीलदार चंद्रभूषण प्रताप ने बताया कि विवादित भू भाग का सीमांकन हो गया है। सीमा पर कुल छह माइलस्टोन लगा कर विवाद का समाधान करा दिया गया है।


सीमांकन के दौरान मीणा के साथ तहसीलदार, सीओ शिवप्रताप सिंह, थाना प्रभारी छावनी हरेकृष्ण उपाध्याय के साथ एक सेक्शन पीएसी व पर्याप्त पुलिस बल मौजूद रहा।
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